Gupt navratri 2025: माँ बगलामुखी की पूजा विधि और सफलता प्राप्ति के उपाय

माँ बगलामुखी की दिव्य छवि, माँ बगलामुखी की पूजा विधि का प्रतीक और सफलता का आधार।"माँ बगलामुखी की पूजा विधि का प्रतीक और सफलता का आधार।
माँ बगलामुखी की पूजा विधि से बाधाओं का नाश और सफलता की प्राप्ति होती है।

गुप्त नवरात्रि का समय साधना और शक्ति आराधना का सबसे खास अवसर माना जाता है। इस पावन काल में अगर सच्चे मन से माँ बगलामुखी की पूजा की जाए, तो वे भक्त के जीवन से हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधाएँ और मानसिक अशांति दूर कर देती हैं। मैंने खुद सुना है – और कई बार महसूस भी किया है – कि माँ बगलामुखी की साधना में एक अनोखी शक्ति है, जो आपको सही समय पर सही निर्णय लेने की ताकत देती है। चाहे court case हो, बिज़नेस में competition हो या कोई भी बड़ी life challenge… माँ की कृपा से विजय निश्चित मानी जाती है।

इस पोस्ट में मैं आपको बताऊँगी गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की सही पूजा विधि, मंत्र, और वे खास उपाय जिनसे सफलता के रास्ते खुलते हैं।

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गुप्त नवरात्रि 2026 कब है और इसका महत्व

अब जब मैंने आपको गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा के चमत्कारी प्रभाव के बारे में बताया, तो naturally अगला सवाल यही आता है – “ये गुप्त नवरात्रि आखिर कब है और इतना खास क्यों मानी जाती है?”
तो चलिए, अब मैं आपको ये भी share कर रही हूँ…

गुप्त नवरात्रि 2026 19 जनवरी 2026 से शुरू होकर 28 जनवरी 2026 को समाप्त होगी। यह काल विशेष रूप से तांत्रिक साधना, देवी उपासना और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ाने के लिए उत्तम माना जाता है।
शास्त्रों में गुप्त नवरात्रि को “साधकों का पर्व” कहा गया है, क्योंकि इसमें देवी के गुप्त रूपों की पूजा कर अद्भुत सिद्धियाँ प्राप्त की जाती हैं। माँ बगलामुखी इसी समय में की जाने वाली सबसे प्रभावी साधनाओं में से एक हैं, जो जीवन की कठिनाइयों को मात देने में मदद करती हैं।

दोस्तों, आज मैं आपको एक ऐसी देवी के बारे में बताने जा रही हूँ, जिनकी कृपा से कठिन से कठिन हालात भी पलभर में पलट सकते हैं — हमारी माँ बगलामुखी।
मुझे याद है, जब पहली बार मैंने इनके बारे में सुना था, तो दिल में एक अलग-सी शक्ति महसूस हुई थी।
और आज, इस Gupt Navratri के मौके पर, मैं आपके साथ माँ बगलामुखी कौन हैं और उनका महत्व साझा कर रही हूँ — ताकि आप भी उनके अद्भुत आशीर्वाद से जुड़ सकें।”

माँ बगलामुखी कौन हैं और उनका महत्व

आज गुप्त नवरात्रि के इस पावन समय में, मैं आपके साथ माँ बगलामुखी की पूजा से जुड़ी कुछ खास बातें और अपना अनुभव साझा कर रही हूँ।
जब मैंने पहली बार इनके बारे में सुना था, तो honestly मेरे मन में भी यही सवाल था – “आखिर माँ बगलामुखी कौन हैं, और इन्हें पीताम्बरा देवी क्यों कहा जाता है?”
और धीरे-धीरे जो बातें मैंने सीखी, वो मेरे दिल में गहराई से उतर गईं।

माँ बगलामुखी महाविद्याओं में से एक अत्यंत शक्तिशाली देवी हैं। इन्हें न्याय की देवी, वाणी और शत्रुनाश की अधिष्ठात्री कहा जाता है। कहते हैं, जो साधक सच्चे मन से माँ बगलामुखी की आराधना करता है, उसके शत्रु स्वयं परास्त हो जाते हैं, और उसके वचनों में इतनी शक्ति आ जाती है कि वह असत्य को भी सत्य में बदल सके।

इनका स्वरूप अद्भुत है – पीले वस्त्र, पीले आभूषण और हाथ में गदा, जो संकेत देता है कि ये हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और संकट का अंत करने में समर्थ हैं। माँ का नाम लेते ही मन में एक अडिग आत्मविश्वास भर जाता है, जैसे कोई अदृश्य शक्ति हमारे साथ खड़ी हो।

यही कारण है कि गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है, क्योंकि यह समय उनकी कृपा पाने और सफलता की राह खोलने का सर्वोत्तम अवसर होता है।

माँ बगलामुखी की पूजा विधि – मेरे अनुभव के साथ

अब जब हम जान चुके हैं कि माँ बगलामुखी कौन हैं और उनका महत्व क्या है, तो चलिए मैं आपको वो पूजा विधि बताती हूँ जो मैंने अपने गुरुजनों से सीखी और अपनाई है।
मेरा मानना है कि पूजा सिर्फ नियमों का पालन नहीं, बल्कि दिल से जुड़ाव और श्रद्धा का नाम है।

  1. पीले रंग की तैयारी – माँ को पीला रंग बेहद प्रिय है। इसलिए पूजा स्थान पर पीला आसन, पीली चुनरी और पीले फूल (गेंदे के) रखें। मैंने हमेशा देखा है कि यह रंग माहौल को तुरंत सकारात्मक कर देता है।
  2. स्वच्छता और संकल्प – पूजा से पहले स्नान करें, पीले वस्त्र पहनें और मन में संकल्प लें – “माँ, मैं आपकी आराधना सफलता और संरक्षण के लिए कर रही/रहा हूँ”
  3. मूर्ति या चित्र स्थापना – माँ बगलामुखी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थान के बीच में स्थापित करें। अगर मूर्ति न हो, तो स्वच्छ और साफ चित्र भी उतना ही प्रभावी है।
  4. दीप और धूप – पीली सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और हल्का धूप/अगरबत्ती लगाएँ। मैंने महसूस किया है कि पीली सरसों का दीपक घर के वातावरण को बहुत शांत करता है।
  5. मंत्र जापॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥ इस मंत्र का जाप 108 बार करें। यदि संभव हो तो पीली माला (हल्दी की गांठ या पीतल की) का प्रयोग करें।
  6. भोग और प्रसाद – बेसन के लड्डू, हल्दी या पीले मीठे चावल माँ को अर्पित करें।
  7. प्रार्थना और ध्यान – अंत में माँ के चरणों में अपना मन खोलकर रख दें। मैंने हमेशा महसूस किया है कि इस क्षण में माँ से जुड़ाव सबसे गहरा होता है।

🙏 याद रखिए, पूजा का असली असर तब होता है जब मन पूरी तरह से माँ में लीन हो, न कि सिर्फ विधियों में।

गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा का महत्व – मेरी नज़र से

गुप्त नवरात्रि का समय मेरे लिए हमेशा एक अलग ही ऊर्जा लेकर आता है। बाकी नवरात्रि में जहाँ माहौल चारों ओर उत्सवमय होता है, वहीं गुप्त नवरात्रि थोड़ी शांत, गूढ़ और अंदर से बदलने वाली होती है।

माँ बगलामुखी की आराधना इस समय और भी प्रभावशाली मानी जाती है। क्यों?
क्योंकि गुप्त नवरात्रि में वातावरण इतना शुद्ध और साधना के अनुकूल होता है कि मन बहुत जल्दी एकाग्र हो जाता है।
मेरा अपना अनुभव है कि इस दौरान किया गया मंत्र-जाप और ध्यान, जैसे सीधा माँ तक पहुँचता है।

माँ बगलामुखी को ‘शत्रुनाशिनी’ भी कहा जाता है। लेकिन यहाँ ‘शत्रु’ का मतलब सिर्फ बाहरी व्यक्ति नहीं, बल्कि हमारे भीतर के नकारात्मक विचार, डर, और असफलता का भय भी है।
जब हम गुप्त नवरात्रि में माँ की पूजा करते हैं, तो ये साधना हमें इन अंदरूनी दुश्मनों से भी मुक्त करती है।

इस समय माँ के पीले स्वरूप की आराधना करके न सिर्फ बाहरी बाधाएँ दूर होती हैं, बल्कि जीवन में स्थिरता और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
मेरे गुरुजी हमेशा कहते हैं – “गुप्त नवरात्रि की पूजा, जैसे बीज को उपजाऊ मिट्टी में बोना” – परिणाम निश्चित और गहरा होता है।

🙏 इसलिए अगर मन में कोई बड़ी इच्छा है, जीवन में अटकी हुई स्थिति को आगे बढ़ाना है, या बस आत्मबल पाना है, तो गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा जरूर करनी चाहिए।

माँ बगलामुखी के चमत्कारी मंत्र और उनका महत्व – मेरी अनुभूति

जब मैंने पहली बार माँ बगलामुखी का मंत्र सुना था, तो सच कहूँ तो मुझे इसकी गूंज दिल के बहुत भीतर तक महसूस हुई।
ये मंत्र सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि एक ऊर्जा का प्रवाह है, जो साधक को चारों ओर से सुरक्षा, स्थिरता और साहस से भर देता है।

माँ का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावी मंत्र है –

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा।

इस मंत्र का अर्थ है – हे माँ! मेरे सभी दुश्मनों, बाधाओं और विपरीत परिस्थितियों की वाणी, कर्म, और बुद्धि को रोक दें, उन्हें निष्क्रिय कर दें, और उनके नकारात्मक प्रभाव को समाप्त कर दें।

मेरी अपनी साधना में, जब भी जीवन में कोई मुश्किल समय आया – जैसे किसी महत्वपूर्ण काम में अड़चन, लोगों की गलतफहमी, या मन का डर – मैंने इस मंत्र का जाप किया।
और अजीब बात है, धीरे-धीरे परिस्थितियाँ अपने आप आसान हो गईं।

गुप्त नवरात्रि में अगर आप इस मंत्र का जाप पीले आसन पर बैठकर, पीले वस्त्र पहनकर, हल्दी की माला से करते हैं, तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
ये ऐसा है जैसे माँ आपकी रक्षा-कवच खुद अपने हाथों से बना रही हों।

मेरा मानना है, ये मंत्र सिर्फ शत्रुनाश के लिए नहीं, बल्कि अपने जीवन को सही दिशा देने और आत्मविश्वास पाने के लिए भी उतना ही असरदार है।

माँ बगलामुखी की पूजा के विशेष उपाय और सफलता के टिप्स

जब भी माँ बगलामुखी की पूजा की जाती है, तो कुछ खास बातें और उपाय करने से उनकी कृपा और भी तेज़ी से मिलती है। मैंने अपने अनुभवों और गुरुजनों की सीख से जो जाना, वो आपसे साझा कर रही हूँ।

  1. सतत मंत्र जाप:
    माँ बगलामुखी के मंत्र का जाप नियमित रूप से करें, खासकर गुप्त नवरात्रि के दौरान। इससे मन की शक्ति बढ़ती है और बाधाएं खुद-ब-खुद दूर होने लगती हैं।
  2. पीला रंग अपनाएँ:
    पूजा में पीले रंग के कपड़े पहनें और पीले रंग के सामान का इस्तेमाल करें। यह रंग माँ की ऊर्जा को आकर्षित करता है और शुभ फल देता है।
  3. सोमवार का विशेष महत्व:
    अगर संभव हो तो पूजा या मंत्र जाप सोमवार के दिन करें। इसे माँ की पूजा के लिए शुभ दिन माना जाता है।
  4. वृक्ष पूजा:
    पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे माँ बगलामुखी की पूजा करना भी अत्यंत फलदायी माना गया है।
  5. दान और सेवा:
    गुप्त नवरात्रि में जरूरतमंदों को पीले वस्त्र, हल्दी या दाल दान करें। यह उपाय माँ की प्रसन्नता और आशीर्वाद को बढ़ाता है।
  6. संकटों में विशेष ध्यान:
    जब जीवन में कोई बड़ी समस्या आए, जैसे कोर्ट केस, व्यापार में परेशानी या रिश्तों में विवाद, तो माँ बगलामुखी की पूजा करके उनका मंत्र जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
  7. भक्ति और विश्वास:
    सबसे महत्वपूर्ण है कि पूजा के दौरान दिल से भक्ति और अटूट विश्वास बनाए रखें। माँ के प्रति पूर्ण समर्पण से ही उनकी कृपा सहज मिलती है।

🙏 याद रखिए, माँ बगलामुखी की पूजा केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि मन की शक्ति और विश्वास की यात्रा है। इन उपायों को अपनाएं और अनुभव करें कि कैसे जीवन में सफलता, शांति और संतोष अपने आप बढ़ते हैं।

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गुप्त नवरात्रि 2026 में माँ बगलामुखी की पूजा का शुभ मुहूर्त

देखिए, गुप्त नवरात्रि का time बहुत ही खास होता है। ये वो मौका है जब माँ बगलामुखी की पूजा करना सबसे ज्यादा फलदायक माना जाता है।
इस बार, 2026 में, ये नवरात्रि 19 जनवरी से शुरू होकर 28 जनवरी तक रहेगी।
अगर पूजा सही मुहूर्त में की जाए, तो उसका असर double हो जाता है।

माँ बगलामुखी की पूजा के लिए सबसे शुभ समय है सुबह के 6 बजे से लेकर 10:30 बजे तक। मैंने कई बार देखा है कि इसी समय की पूजा से मन की शांति और काम में सफलता जल्दी मिलती है।
दोपहर 12 से 1:30 बजे तक मंत्र जाप करना भी बहुत powerful रहता है। और शाम 5 बजे से 7 बजे तक का संध्या पूजा का time भी ज़रूरी है।

अगर आप चाहें, तो इस दौरान माँ के सामने मन से बैठकर अपने मन की सारी बातें share करें। ये small moments ही सबसे बड़ा बदलाव लाते हैं।

Shubh Samay:

दिनांकशुभ समय (मुहूर्त)पूजा का सुझाव
19 जनवरी 2026सुबह 6:00 बजे से 10:30 बजे तकपूजा आरंभ करने का सबसे शुभ समय
20-27 जनवरीसुबह 6:00 बजे से 10:30 बजे तकदैनिक पूजा और मंत्र जाप के लिए उत्तम समय
21 जनवरी 2026दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तकमंत्र जाप के लिए विशेष मुहूर्त
28 जनवरी 2026शाम 5:00 बजे से 7:00 बजे तकसंध्या पूजा और आरती का शुभ समय

गुप्त नवरात्रि के इन शुभ मुहूर्तों का पालन करने से माँ बगलामुखी की पूजा और भी प्रभावशाली बनती है।
पूजा के दौरान मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें, क्योंकि यही माँ को सबसे प्रिय होता है।

माँ बगलामुखी के चमत्कारी किस्से – एक heartfelt कहानी

मैं आपको एक ऐसा personal किस्सा बताना चाहती हूँ, जो मेरे दिल के बहुत करीब है।
मेरी एक close friend थी, जिनके सामने एक बहुत बड़ी समस्या आई। उनके ऑफिस में legal dispute चल रहा था, जो उनको बहुत stress दे रहा था। सब लोग कह रहे थे कि हारना तय है।

पर उन्होंने हार नहीं मानी। पूरी श्रद्धा से गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा की, रोज़ मंत्र जाप किया।
थोड़े ही समय में, जैसे किसी miracle ने काम किया हो, उनका केस जीत गया। उनकी life फिर से ठीक होने लगी।

उन्होंने मुझसे कहा, “It felt like माँ बगलामुखी ने सच में मेरे सारे enemies की ताकत छीन ली। मेरा मन इतना calm और strong हो गया, कि मैं हार नहीं मान सकी।”

ऐसे ही चमत्कार हर भक्त के साथ हो सकते हैं, बस हमारी श्रद्धा और विश्वास की ज़रूरत होती है।

माँ बगलामुखी की शक्तियाँ और उनके अद्भुत चमत्कार

माँ बगलामुखी की शक्तियाँ सच में कुछ अलग ही level की हैं।
उनका नाम सुनते ही दिल में एक ऐसा confidence आता है, जो हर डर को मिटा देता है।

  • शत्रु पर विजय: माँ बगलामुखी की पूजा से न सिर्फ बाहरी दुश्मन पर जीत मिलती है, बल्कि हमारे अंदर के doubts और fears भी खत्म हो जाते हैं।
  • वाणी को रोकना: जो लोग हमें गलत बात कहकर परेशान करते हैं, माँ की कृपा से उनकी बातों का असर नहीं होता।
  • साहस और आत्मबल: मुश्किल समय में भी माँ बगलामुखी के आशीर्वाद से मन मजबूत और धैर्यवान बनता है।
  • बुरी नजर और negative energy से protection: माँ की पूजा से घर-परिवार में positive vibes बनी रहती हैं।
  • जीवन के legal और business संघर्षों में success: जो भी मुकदमे या competition हो, माँ की कृपा से जीत पक्की होती है।

मैंने खुद कई बार देखा है कि जिन लोगों ने माँ बगलामुखी की पूजा सच्चे मन से की, उनके जीवन में जैसे रुकावटें एक-एक करके खुल गईं।

क्या आपका मन अक्सर बेचैन रहता है? जानें शांति का रास्तामन्न शान्त क्यों नहीं रहता?

माँ बगलामुखी के चमत्कारी किस्से – एक दिल छू लेने वाली कहानी

दोस्तों, माँ बगलामुखी की कृपा के चमत्कार सुनते-सुनते बहुत बार ऐसा लगता है कि ये कहानियाँ सच में जैसे किसी miracle की तरह होती हैं। मैं आपको एक ऐसा personal experience बताना चाहती हूँ, जो मेरे दिल के बहुत करीब है।

मेरी एक करीबी सहेली थी, जो बहुत ही संघर्षशील और मेहनती इंसान है। उसके जीवन में एक समय ऐसा आया जब उसके ऊपर तरह-तरह की मुसीबतें एक साथ आ गईं। ऑफिस में लोग उसके खिलाफ षड्यंत्र कर रहे थे, बिजनेस में घाटा होने लगा और परिवार में भी कुछ उलझनें थीं।

उसे लग रहा था कि शायद ये सब कभी ठीक नहीं होगा। तब उसने सुना कि गुप्त नवरात्रि में माँ बगलामुखी की पूजा बहुत फलदायक होती है। पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उसने माँ की पूजा शुरू की, रोज़ मंत्र जाप किया।

अद्भुत बात ये है कि धीरे-धीरे उसकी समस्याएँ कम होने लगीं। ऑफिस में उसके खिलाफ चल रहे झूठे आरोप खत्म हो गए, बिजनेस में सुधार आया और परिवार में शांति बनी।

उसने मुझसे कहा, “माँ बगलामुखी ने सच में मेरे सारे दुश्मनों की जुबान बंद कर दी। मेरा मन इतना strong और calm हो गया कि मैं किसी भी मुसीबत से डरने लगी।”

ऐसे ही चमत्कार हर उस भक्त के साथ होते हैं, जो दिल से माँ बगलामुखी की पूजा करता है। बस जरूरत है तो विश्वास और लगन की।

Navratri mein Maa Durga ki pooja vidhi aur unki kripa paane ke upay padheinMaa Durga Puja Vidhi aur Rahasya

अब मैं आपके साथ माँ बगलामुखी की पूजा से जुड़ी वह आरती और मंत्र साझा कर रही हूँ, जिसने मेरी ज़िंदगी और मेरे करीबियों की ज़िंदगी में बड़े चमत्कार किए हैं।

मेरी सबसे प्यारी सहेली ने पहली बार इस पूजा को बहुत श्रद्धा से किया था। उस वक्त उसके जीवन में कई परेशानियाँ थीं — काम में अटकावट, रिश्तों में तनाव, और मन का असंतोष। पर जैसे ही उसने माँ बगलामुखी की पूजा शुरू की, रोज़ मंत्र जाप किया, उसने महसूस किया कि धीरे-धीरे उसके सारे विरोधी कमजोर पड़ रहे हैं, उसके रास्ते साफ हो रहे हैं।

फिर मेरी भाभी ने भी माँ बगलामुखी की पूजा विधि अपनाई, खासकर गुप्त नवरात्रि के दौरान। उनके व्यापार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, और घर में सुख-शांति आई।

मैंने खुद भी कई सालों से माँ बगलामुखी की पूजा की है, और यही वजह है कि मेरी ज़िंदगी में भी कई मुश्किलें आसान हुईं, और मन में विश्वास और साहस आया।

इसलिए मैं आपसे विनती करती हूँ कि दिल से माँ बगलामुखी की पूजा करें, इस आरती और मंत्र का जाप मन से करें, और देखें कि कैसे माँ की शक्ति आपके जीवन में चमत्कार लाती है।

माँ बगलामुखी की आरती – Maa Banglamukhi Aarti

जयं ज्वाला प्रकोपिनिं, कमला कदम्ब सदनम्।
विष्णुपत्नीं जगद्धात्रीं, बगलामुखि नमोऽस्तु ते॥

जय माँ बगलामुखी, हे देवी, जो अग्नि की तरह क्रोधी होकर सभी बुराइयों का नाश करती हो।
आप कमल के समान सौंदर्य और कोमलता की मूरत हो।
आप विष्णु जी की पत्नी और जगत की पालक हो।
हे बगलामुखि देवी, मेरा आपको प्रणाम।

कपालिनीं चण्डा भद्रा च, तारा भयंकरा तथा।
कूष्माण्डा महागौरी च, सिद्धिदा त्रिपुर सुंदरी॥

आप कपालिनी, चण्डा, भद्रा, तारा, भयंकरा, कूष्माण्डा, महागौरी और सिद्धिदा त्रिपुरसुंदरी के रूपों में प्रकट हुईं।

स्तम्भय मुखं पदं जिह्वां, कीलय सर्वदुष्टताम्।
प्रणमामि बगलामुखि देवीं, करुणा कूटधामिनि॥

हे देवी, आप दुश्मनों के मुख, पद और जिह्वा को स्तम्भित और कीलित कर उनका नाश करती हो।
मैं आपकी करुणा से भरे चरणों को प्रणाम करता हूँ।

Maa Durga ke nau roop ke divya gyaan se apni bhakti ko aur gehra banayeinMaa Durga ke Nau Roop

माँ बगलामुखी का मंत्र – Maa Banglamukhi Mantra

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। यह मंत्र माँ बगलामुखी की विशेष कृपा और शक्ति को आकर्षित करता है।

**दोस्तों, जैसा मैंने ऊपर बताया, ये आरती और मंत्र मेरी सहेली, मेरी भाभी और मेरे खुद के अनुभवों से चुने हुए हैं।
जब मन में पूरी श्रद्धा और विश्वास होगा, तभी माँ बगलामुखी की पूजा का फल मिलेगा।

तो दिल से पूजा करें, मंत्र जाप करें और माँ से अपने जीवन में सुख-शांति, सफलता और संरक्षण की कामना करें।

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माँ बगलामुखी का शक्तिशाली उपाय – जो सच में काम करता है

दोस्तों, अक्सर हम बड़ी-बड़ी पूजा विधियां करते हैं, लेकिन एक सरल और दिल से किया गया उपाय माँ की कृपा पाने के लिए सबसे ज्यादा असरदार होता है। मैं आपको आज एक ऐसा उपाय बताने जा रही हूँ, जिसे मेरी एक बहुत खास दोस्त ने किया था और जो आज भी उनके जीवन में चमत्कार करता है।

उपाय:

  1. गुप्त नवरात्रि के दौरान, हर दिन सुबह सूर्योदय के समय पीले रंग का वस्त्र पहनें।
  2. एक साफ जगह पर माँ बगलामुखी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। अगर प्रतिमा न हो तो तस्वीर भी चलेगी।
  3. सरसों के तेल का दीपक जलाएं। (सरसों का तेल माँ बगलामुखी को बेहद प्रिय है)
  4. नीचे दिया गया मंत्र 108 बार जाप करें — CopyEditॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥
  5. मंत्र जाप के बाद माँ के सामने हल्दी, पीले फूल और हल्का भोग (जैसे हल्दी से बना लड्डू या हल्दी वाला चावल) अर्पित करें।
  6. पूरे गुप्त नवरात्रि इस विधि को बिना छोड़ें, मन में पूरी श्रद्धा और विश्वास बनाए रखें।

मित्रों, मेरी उस दोस्त ने ये उपाय गुप्त नवरात्रि के दौरान किया था। उसके जीवन में जो अड़चनें थीं — व्यापार की समस्याएं, घर के झगड़े, मानसिक तनाव — सब धीरे-धीरे दूर होने लगे। वो खुद कहती है कि ऐसा लगा जैसे माँ बगलामुखी की ममता और शक्ति ने उसे एक नया जीवन दिया हो।

यह उपाय ना सिर्फ शत्रु-विनाश में मदद करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, साहस और मन की शांति भी प्रदान करता है।

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माँ बगलामुखी की पूजा से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

1. माँ बगलामुखी की पूजा कब करनी चाहिए?
माँ बगलामुखी की पूजा के लिए गुप्त नवरात्रि सबसे शुभ माना गया है। इस दौरान सुबह के समय विशेष मुहूर्त में पूजा करना सबसे फलदायक होता है। मैं खुद और मेरी कई जानकारियों ने इस समय पूजा कर के बड़े चमत्कार देखे हैं।

2. माँ बगलामुखी की पूजा में कौन-कौन से रंग खास होते हैं?
पूजा में पीला रंग बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि माँ बगलामुखी को पीला रंग बहुत प्रिय है। पीले फूल, पीले वस्त्र, और हल्दी का इस्तेमाल पूजा में करें तो माँ की कृपा और भी बढ़ती है।

3. माँ बगलामुखी की पूजा में सबसे जरूरी मंत्र कौन सा है?
पूजा के दौरान मंत्र “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥” का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। यह मंत्र माँ की विशेष कृपा और रक्षा लाता है।

4. क्या माँ बगलामुखी की पूजा घर पर भी कर सकते हैं?
बिलकुल, माँ बगलामुखी की पूजा घर पर भी श्रद्धा और शुद्ध मन से की जा सकती है। मैंने खुद और मेरे करीबी लोगों ने घर पर पूजा कर के अच्छे फल पाए हैं। पूजा स्थल साफ और स्वच्छ रखें, और पूजा विधि का पालन पूरी श्रद्धा से करें।

5. पूजा के बाद माँ बगलामुखी को क्या भोग अर्पित करना चाहिए?
पूजा में माँ को हल्दी से बने लड्डू, पीले फूल और हल्दी वाला चावल भोग के रूप में अर्पित करना शुभ माना जाता है। ये चीजें माँ को विशेष प्रिय हैं और पूजा का प्रभाव बढ़ाती हैं।

6. माँ बगलामुखी की पूजा से क्या-क्या लाभ होते हैं?
माँ बगलामुखी की पूजा से शत्रु विनाश, मन की शांति, आत्मबल, और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। मेरी अपनी और आसपास के लोगों की अनुभव यही बताते हैं कि यह पूजा सच में बहुत शक्तिशाली है।

7. पूजा करते समय क्या ध्यान रखना चाहिए?
पूजा में सबसे जरूरी है पूरी श्रद्धा और मन का पूर्ण समर्पण। बिना विश्वास के पूजा का असर कम होता है। मैंने और मेरे आस-पास के लोगों ने यही देखा है कि मन से किया गया पूजा ही सबसे ज्यादा फलदायक होता है।

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निष्कर्ष – Conclusion

माँ बगलामुखी की पूजा एक ऐसी शक्ति है जो हमारे जीवन की सभी बाधाओं को दूर कर देती है। गुप्त नवरात्रि के शुभ अवसर पर श्रद्धा और भक्ति से की गई यह पूजा न केवल शत्रु-विनाश करती है, बल्कि मन को शांति, साहस और आत्मबल से भर देती है। मेरी और मेरे करीबियों की ज़िंदगी में माँ बगलामुखी की कृपा ने जो चमत्कार किए हैं, वे इस पूजा की महत्ता को साबित करते हैं।

अगर मन से, विश्वास के साथ माँ बगलामुखी की पूजा की जाए, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। इसलिए इस पवित्र अवसर का लाभ उठाएं और माँ की पूजा विधि को अपने जीवन में अपनाएं।

आपके लिए एक खास संदेश

अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो और माँ बगलामुखी की पूजा से जुड़ी जानकारी से आपके मन में विश्वास बढ़ा हो, तो कृपया नीचे कमेंट करके अपने अनुभव और सवाल जरूर साझा करें। आपकी कहानी दूसरों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।

इसके अलावा, मेरी और भी पोस्ट पढ़ें जहाँ आप माँ के विभिन्न रूपों, पूजा विधि, मंत्र और चमत्कारों के बारे में जान सकते हैं।

इस पोस्ट को अपने परिवार और दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वे भी माँ बगलामुखी की कृपा पा सकें।

आपकी श्रद्धा और विश्वास से माँ बगलामुखी हमेशा आपके साथ रहें!

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