
नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि – जब भी नवरात्रि आती है, दिल में एक अलग-सी खुशी और श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। 9 दिनों तक माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करना, मंत्रों का जाप करना और पूरे घर में भक्ति का माहौल बनाना – ये सब न सिर्फ़ हमारी आस्था को मज़बूत करता है, बल्कि जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा भी भर देता है।
इस post में मैं आपको नवरात्रि के 9 दिनों में पूजी जाने वाली माता के सभी 9 रूपों की सही पूजा विधि, उनके चमत्कारी मंत्र और विशेष महत्व के बारे में बताने वाली हूँ। मैंने इसे इस तरह लिखा है कि अगर आप पहली बार भी नवरात्रि कर रहे हैं, तो आपको step-by-step सब समझ आ जाए, और अगर आप पहले से करते हैं, तो भी इसमें कुछ खास बातें आपको नई लगेंगी।
आइए, मिलकर जानते हैं कैसे नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि को सही तरीके से अपनाकर हम माँ की कृपा और आशीर्वाद पा सकते हैं। 🌺
जब भी नवरात्रि आती है ना, मेरे अंदर एक अलग सी energy भर जाती है। जैसे माँ खुद बुला रही हों – “आ जा, अपनी झोली भर ले आशीर्वाद से।” नवरात्रि सिर्फ पूजा-पाठ का समय नहीं है, ये तो माँ के 9 रूपों से मिलने, उनसे बातें करने और अपने मन की थकान उतारने का सबसे प्यारा मौका है।
मेरे बचपन की याद है, दादी हर नवरात्रि सुबह-सुबह मुझे उठाकर कहतीं – “चल, आज माँ का ये वाला रूप है, जल्दी से तैयार हो।” और मैं नींद में भी उत्साह से तैयार हो जाती, क्योंकि हर दिन माँ का अलग रंग, अलग फूल और अलग कहानी होती थी।
ये रहे माँ के 9 रूप, जिनसे हर साल मेरी ये खूबसूरत यात्रा शुरू होती है —
- शैलपुत्री – पर्वतराज हिमालय की पुत्री, जिनकी पूजा से मन में स्थिरता और courage आता है।
- ब्रह्मचारिणी – माँ का तपस्विनी रूप, जो patience और devotion सिखाता है।
- चंद्रघंटा – शांत लेकिन शक्तिशाली, जो डर को खत्म कर देती हैं।
- कूष्मांडा – ब्रह्मांड की रचयिता, जो light और positivity फैलाती हैं।
- स्कंदमाता – बच्चों और परिवार की protector।
- कात्यायनी – विवाह और रिश्तों में सफलता दिलाने वाली।
- कालरात्रि – अंधकार और नकारात्मक शक्तियों का अंत करने वाली।
- महागौरी – शुद्धता और खुशियों की देवी।
- सिद्धिदात्री – ज्ञान और सभी सिद्धियाँ देने वाली।
सच कहूँ तो, हर साल जब मैं माँ के इन नौ रूपों की पूजा करती हूँ, तो लगता है जैसे मैं 9 अलग-अलग lessons सीख रही हूँ – courage, patience, peace, positivity, protection, love, power, purity और wisdom।
और इस बार, मैंने सोचा कि अपनी इस पूरी यात्रा को एक संपूर्ण गाइड में बदल दूँ, ताकि तुम भी इस नवरात्रि में माँ के हर रूप की पूजा विधि, मंत्र और blessings का अनुभव कर सको।
Maa Durga ke Nau Roop
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नवरात्रि… मेरे लिए ये सिर्फ त्योहार नहीं है, ये वो 9 दिन हैं जब मैं अपने मन को माँ के चरणों में अर्पित कर देती हूँ। हर साल जैसे ही नवरात्रि आती है, घर में एक अलग ही ऊर्जा भर जाती है — दीपक की लौ, धूप की महक, और घंटियों की मधुर ध्वनि… सब मिलकर एक ऐसा माहौल बना देते हैं, जिसमें लगता है मानो माँ खुद हमारे घर में विराजमान हैं।
आज मैं आपसे अपने दिल की वो बातें साझा कर रही हूँ, जो मैंने सालों से महसूस की हैं — माँ के 9 रूपों की पूजा विधि, वैसे ही जैसे मैं खुद करती हूँ। ये कोई किताब से पढ़ी हुई बातें नहीं, बल्कि मेरा अपना अनुभव है, और मैं चाहती हूँ कि आप भी इन्हें अपनाकर अपनी नवरात्रि को और पावन बना सकें।
1. माँ शैलपुत्री की पूजा विधि
पहले दिन मैं माँ शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र के सामने साफ-सुथरे पीले या लाल कपड़े बिछाती हूँ। फिर गंगाजल से आसन शुद्ध करती हूँ। सफेद फूल, चावल और घी का दीप अर्पित करती हूँ। इस दिन मन में एक ही संकल्प — “हे माँ, मेरे जीवन की नींव को स्थिर करो।”
मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।
2. माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी के सामने गुलाब या चमेली के फूल चढ़ाती हूँ। ये दिन साधना और संयम का प्रतीक है, इसलिए कोशिश करती हूँ कि मन में कोई नकारात्मक विचार न आए। गुड़ और मिश्री का भोग लगाती हूँ।
मंत्र: ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।
3. माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि
तीसरे दिन घंटी और शंख की ध्वनि के साथ पूजा शुरू करती हूँ। माँ चंद्रघंटा को सुनहरे रंग के फूल और दुग्ध से बने प्रसाद अर्पित करती हूँ। कहते हैं, ये दिन डर और बाधाओं को खत्म करता है।
मंत्र: ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः।
4. माँ कूष्मांडा की पूजा विधि
चौथे दिन माँ कूष्मांडा को सिंदूर, कमल के फूल और मालपुआ का भोग चढ़ाती हूँ। इस दिन पूजा करते समय मन में हमेशा आभार होता है, क्योंकि ये वही रूप हैं जिन्होंने ब्रह्मांड की रचना की।
मंत्र: ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः।
5. माँ स्कंदमाता की पूजा विधि
पाँचवे दिन माँ स्कंदमाता को पीले फूल और केले का भोग अर्पित करती हूँ। इस दिन पूजा के बाद बच्चों और परिवार के साथ भोग साझा करना माँ की कृपा पाने का सुंदर तरीका है।
मंत्र: ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः।
6. माँ कात्यायनी की पूजा विधि
छठे दिन माँ कात्यायनी को लाल फूल, शहद और सुगंधित धूप अर्पित करती हूँ। कहते हैं, ये दिन शादी और रिश्तों में आने वाली रुकावटों को दूर करता है, इसलिए मैं हमेशा अपने और दूसरों के रिश्तों की भलाई के लिए प्रार्थना करती हूँ।
मंत्र: ॐ देवी कात्यायन्यै नमः।
7. माँ कालरात्रि की पूजा विधि
सातवें दिन माँ कालरात्रि के सामने दीपक की लौ थोड़ी देर तक जलाकर रखती हूँ, ताकि अंधकार का हर कण दूर हो जाए। इस दिन गुड़ और धान का भोग लगाती हूँ।
मंत्र: ॐ देवी कालरात्र्यै नमः।
8. माँ महागौरी की पूजा विधि
आठवें दिन माँ महागौरी को सफेद वस्त्र, सफेद फूल और नारियल अर्पित करती हूँ। इस दिन मन में शुद्धता और सरलता का भाव जागृत होता है।
मंत्र: ॐ देवी महागौर्यै नमः।
9. माँ सिद्धिदात्री की पूजा विधि
नवमी के दिन माँ सिद्धिदात्री के सामने विशेष रूप से नवमी हवन करती हूँ। इस दिन लाल फूल, कपूर और नारियल का भोग लगाती हूँ, और प्रार्थना करती हूँ कि जीवन में जो भी करूँ, उसमें माँ की कृपा और आशीर्वाद बना रहे।
मंत्र: ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
Maa Chinnmasta Pooja Vidhi
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देखो, जब भी नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि निभाते हैं, तो सिर्फ विधि-विधान ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसे काम भी हैं जो पूजा के असर को और गहरा कर देते हैं। मैं तो हमेशा इन्हें अपनाती हूं, और सच मानो, मन को एक अलग ही शांति मिलती है।
जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें
मां का आशीर्वाद पाना चाहते हो तो किसी भूखे को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य है।
माता के भजन-कीर्तन करें
सुबह-शाम भजन गाने का अपना ही आनंद है। ये सिर्फ devotion नहीं, बल्कि inner peace भी देता है।
व्रत और उपवास रखें
व्रत रखने से शरीर detox होता है और मन discipline में आता है।
देवी मंत्रों का जाप करें
हर रूप के लिए अलग मंत्र होते हैं। रोजाना जाप करने से एक positive vibration घर में बनी रहती है।
घर में अखंड ज्योति जलाएं
ये माँ की कृपा को घर में बनाए रखने का प्रतीक है।
Maa Tripur Bhairavi Pooja
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पूजा का सही तरीका जानना जितना ज़रूरी है, उतना ही ज़रूरी है कुछ गलतियों से बचना। मैंने खुद देखा है कि अगर हम छोटी-सी भी चूक कर दें, तो नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि का पूरा असर कम हो सकता है।
इसीलिए अब मैं आपको बता रही हूँ — नवरात्रि में न करें ये 5 गलतियां!
नवरात्रि में न करें ये 5 गलतियां – वरना पूजा का असर कम हो सकता है
बिना स्नान किए पूजा न करें
शारीरिक और मानसिक पवित्रता, दोनों ही पूजा में अहम होती हैं।
लहसुन-प्याज और तामसिक भोजन न करें
नवरात्रि के दिनों में तामसिक आहार मन को अशांत कर देता है, इसलिए सात्विक भोजन ही लें।
नकारात्मक विचारों से बचें
माँ की पूजा करते हुए दिल और दिमाग में सिर्फ positivity रखनी चाहिए।
देर रात तक मोबाइल और टीवी देखने से बचें
ये समय ध्यान और भक्ति का है, distractions का नहीं।
नवरात्रि के दौरान बाल और नाखून न काटें
ये परंपरा सिर्फ रीति-रिवाज नहीं, बल्कि शुद्धता बनाए रखने का एक तरीका है।
देखो, मैंने खुद महसूस किया है कि नवरात्रि के ये नौ दिन सिर्फ पूजा-पाठ के लिए नहीं होते, बल्कि ये एक spiritual recharge का समय होते हैं। जब हम माता के मंत्र श्रद्धा और विश्वास से जपते हैं, तो मन को अद्भुत शांति और शक्ति मिलती है।
मैं आपको अपने अनुभव से वो 5 मंत्र बता रही हूँ जो नवरात्रि में जपने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि के साथ-साथ, अगर आप ये मंत्र भी जपेंगे, तो आपकी भक्ति और भी गहरी हो जाएगी।
🌺 नवरात्रि के लिए 5 चमत्कारी मंत्र – माँ के आशीर्वाद पाने के लिए
नवरात्रि में माँ के 9 रूपों की पूजा के साथ अगर ये 5 चमत्कारी मंत्र रोज़ जाप किए जाएँ, तो जीवन में सुख, शांति और शक्ति का संचार होता है। हर मंत्र की अपनी अनोखी शक्ति है, जो मन, तन और आत्मा को दिव्य ऊर्जा देती है।
1️⃣ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे – माँ चामुंडा का यह अद्भुत मंत्र आपको हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, बुरी नज़र और भय से बचाता है।
2️⃣ ॐ दुं दुर्गायै नमः – संकट से मुक्ति और साहस बढ़ाने के लिए अत्यंत प्रभावी मंत्र।
3️⃣ ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः – जीवन में आने वाली रुकावटें, विघ्न और अशुभ प्रभाव दूर करने वाला मंत्र।
4️⃣ ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः – ज्ञान, विद्या, कला और बुद्धि प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ मंत्र।
5️⃣ ॐ कात्यायनाय विद्महे, कन्याकुमारि धीमहि, तन्नो दुर्गि प्रचोदयात् – मन की शुद्धि, आध्यात्मिक जागृति और दिव्य शक्ति के लिए विशेष मंत्र।
🙏 नवरात्रि के इन मंत्रों का जाप करते समय मन को शांत, स्थिर और माँ के चरणों में समर्पित रखें।
Maa Durga Aarti
✨ Maa Durga ki pavitra aarti ke shabdon mein apna mann le doobaiye.
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अब मैं तुम्हें एक ऐसी बात बताने जा रही हूँ, जो मैंने खुद अपनी आंखों से देखी है…”
देखो, नवरात्रि सिर्फ व्रत और पूजा भर नहीं है, ये तो एक-एक दिन में होने वाले दिव्य अनुभवों का सिलसिला है। मैंने अपनी ज़िंदगी में, अपने घर और रिश्तेदारों में, माँ छिन्नमस्ता की पूजा करते हुए ऐसे-ऐसे चमत्कार देखे हैं कि आज भी सोचकर रोमांच हो जाता है।
मेरी सहेली, भाभी, मामी, और यहां तक कि मेरी मौसी—सबके-अपने अनुभव हैं। और इन अनुभवों ने मुझे यकीन दिला दिया कि अगर श्रद्धा और सच्चे मन से हर दिन की पूजा की जाए, तो माँ हर रूप में अपना आशीर्वाद देती हैं।
तो चलो, मैं तुम्हें नवरात्रि के 9 दिनों में हुई 9 अद्भुत घटनाएं सुनाती हूँ—जैसे मैंने खुद सुनी और देखी हैं…
नवरात्रि सिर्फ देवी की आराधना का समय नहीं, बल्कि ये वो पल होते हैं जब हम अपने जीवन में बदलाव महसूस करते हैं। मैंने अपनी सहेली, भाभी, मौसी, मामी और अपने खुद के अनुभवों से ये 9 रहस्य सीखे हैं, जो शायद आपको भी प्रेरित करें।
1️⃣ पहला दिन – शक्ति का पहला अनुभव (माँ शैलपुत्री)
मेरी सहेली रश्मि ने पहले दिन नवरात्रि की पूजा में संकल्प लिया था कि वो हर सुबह सूर्योदय से पहले माँ को जल अर्पण करेगी। अजीब बात ये है कि उसी दिन उसे एक साल से अटकी नौकरी का कॉल आया। तब उसने कहा – “माँ की पहली झलक ही जीवन बदल देती है।”
2️⃣ दूसरा दिन – मन की शांति (माँ ब्रह्मचारिणी)
मेरी भाभी पूजा बहुत परेशान रहती थीं। उन्होंने नवरात्रि में सिर्फ चावल और फल खाकर व्रत रखा। दूसरे दिन उन्हें ऐसा आंतरिक सुकून मिला कि जैसे मन के सारे तूफान थम गए। उन्होंने कहा – “शायद यही है असली वरदान।”
3️⃣ तीसरा दिन – रिश्तों में मिठास (माँ चंद्रघंटा)
मौसी जी का अपने भाई से सालों से मनमुटाव था। तीसरे दिन की पूजा में उन्होंने भाई का नाम लेकर माँ से प्रार्थना की। उसी शाम भाई का फोन आ गया। माँ की नवरात्रि की पूजा रिश्तों को भी जोड़ देती है।
4️⃣ चौथा दिन – घर में बरकत (माँ कूष्मांडा)
मेरी मामी जी ने चौथे दिन माता को भोग में घर में बना हलवा चढ़ाया। कुछ दिनों बाद उनके पति का बिज़नेस अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया। उन्होंने कहा – “माँ के भोग में सच्चा प्रेम हो, तो बरकत खुद आ जाती है।”
5️⃣ पाँचवाँ दिन – संतान सुख की कृपा (माँ स्कंदमाता)
मेरी चचेरी बहन नीरजा को शादी के कई साल बाद भी संतान सुख नहीं मिला था। पाँचवे दिन उन्होंने विशेष मंत्र जाप के साथ माँ स्कंदमाता की नवरात्रि की पूजा की। अगले वर्ष उनके घर नन्ही किलकारियाँ गूँज उठीं।
6️⃣ छठा दिन – डर पर विजय (माँ कात्यायनी)
मेरी एक दोस्त को हमेशा स्टेज पर बोलने का डर था। छठे दिन उन्होंने माँ कात्यायनी से साहस माँगा। कुछ महीनों में उन्होंने सैकड़ों लोगों के सामने स्पीच दी। माँ सच में डर को ताकत में बदल देती हैं।
7️⃣ सातवाँ दिन – स्वास्थ्य लाभ (माँ कालरात्रि)
मेरे मामाजी की तबीयत लंबे समय से खराब थी। सातवें दिन मेरी मामी ने उनके नाम से व्रत कर माँ को तेल का दीप चढ़ाया। धीरे-धीरे उनकी सेहत में सुधार हुआ। माँ कालरात्रि हर अंधकार को मिटा देती हैं।
8️⃣ आठवाँ दिन – धन की प्राप्ति (माँ महागौरी)
मेरी सहेली प्रिया ने आठवें दिन माँ महागौरी को चाँदी का सिक्का चढ़ाया। कुछ ही हफ्तों में उन्हें पुराना रुका हुआ पैसा मिल गया। उन्होंने कहा – “माँ के आशीर्वाद से कमी कभी नहीं रहती।”
9️⃣ नौवाँ दिन – अधूरी मनोकामना पूरी (माँ सिद्धिदात्री)
मेरी खुद की कहानी है – मैंने नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री से अपने जीवन में एक खास कामयाबी की प्रार्थना की थी। कुछ ही दिनों में मेरी मनोकामना पूरी हो गई। तभी से मेरा विश्वास और भी गहरा हो गया कि नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि सच में चमत्कार करती है।
Maa Durga Katha aur Mahatva
✨ Maa Durga ki katha ke madhyam se unke mahatva ko samajhiye aur apne jeevan mein unka aashirwad paaiye.
👉 Maa Durga katha yahan padhein
1. नवरात्रि के 9 रूप कौन-कौन से हैं और क्यों पूजे जाते हैं?
नवरात्रि में माँ दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूप पूजे जाते हैं — शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक। हर रूप जीवन के एक विशेष गुण का आशीर्वाद देता है।
2. क्या सभी 9 रूपों की पूजा घर पर संभव है?
हाँ, बिल्कुल। मैंने खुद घर पर की है। बस प्रतिदिन नियम से पूजा करना और संबंधित रूप के मंत्र का जाप करना ज़रूरी है।
3. क्या हर दिन अलग व्रत रखना पड़ता है?
हाँ, हर दिन अलग देवी की पूजा और व्रत का महत्व है। लेकिन सेहत ठीक न हो तो फलाहार से भी भक्त माँ की कृपा पा सकते हैं।
4. नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि के लिए कौन सा समय शुभ है?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के बाद का समय सबसे उत्तम है। इस समय पूजा से मन और वातावरण दोनों पवित्र होते हैं।
5. क्या सभी मंत्र एक साथ जप सकते हैं?
बेहतर है कि जिस दिन जिस रूप की पूजा हो, उसी का मंत्र जपा जाए। इससे साधना अधिक प्रभावशाली होती है।
6. क्या 9 दिन का व्रत न रख पाना अशुभ है?
नहीं, माँ सिर्फ भक्ति देखती हैं। आप एक दिन भी सच्ची श्रद्धा से पूजा करें तो भी उनका आशीर्वाद मिलेगा।
7. नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि से क्या लाभ होता है?
हर रूप अलग शक्ति देता है — साहस, ज्ञान, स्वास्थ्य, धन, रक्षा, प्रेम, विजय, और अंत में सिद्धि।
Shiv Ki Mahima
✨ Shiv ki mahima aur unke divya roop ka gyaan prapt karein.
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जब मैंने अपनी सहेलियों, भाभी, मौसी और मामी से ये कहानियाँ सुनीं, तो दिल से महसूस किया कि नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि सिर्फ़ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि एक आत्मिक यात्रा है। हर दिन माँ का एक नया रूप हमें नई सीख, नई ऊर्जा और एक अनोखा अनुभव देता है। चाहे सुख हो या दुख, माँ के चरणों में बैठकर सच्चे मन से की गई पूजा हमारे जीवन की दिशा बदल सकती है।
अगर आपने अब तक नवरात्रि में सिर्फ़ सामान्य पूजा की है, तो इस बार पूरे 9 दिनों तक नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधि अपनाकर देखिए। आप भी अनुभव करेंगे कि किस तरह आपका मन, तन और भाग्य बदलने लगता है।
इस नवरात्रि में माता के 9 रूपों की पूजा विधिमें दिल और विश्वास से जुड़ जाइए। इस पोस्ट को अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर कीजिए, ताकि वे भी माँ का आशीर्वाद पा सकें। और हाँ, कमेंट में ज़रूर लिखिए कि आपके जीवन में नवरात्रि का सबसे चमत्कारी अनुभव कौन सा रहा है — हो सकता है, आपकी कहानी किसी और की ज़िंदगी बदल दे। 🙏
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