हरियाली तीज 2025: व्रत, कथा, रस्में और वो अनसुनी बातें जो आपको कोई नहीं बताता!

हरियाली तीज 2025 पर झूला झूलती सजी-धजी महिला
हरियाली तीज 2025 – नारी शक्ति और प्रेम का उत्सव

जब भी हरियाली तीज की बात होती है, मेरे मन में बचपन की वो तस्वीरें ताज़ा हो जाती हैं — माँ का पीहर जाना, हरे रंग की साड़ियों से सजी महिलाएं, मेंहदी की खुशबू, झूले की रिमझिम रागिनी और थाली में रखा वो सिंघाड़े का फल।

मैंने जब पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखा था, तब सिर्फ रीति-रिवाज़ निभा रही थी। लेकिन जैसे-जैसे उम्र और समझ बढ़ी, वैसे-वैसे इस पर्व का भाव भी गहराता चला गया। आज मैं इस ब्लॉग के ज़रिए आपसे वो सब बातें साझा करना चाहती हूँ — जो मुझे खुद अनुभव से समझ में आईं, और जो शायद आपको किसी ने आज तक नहीं बताईं।

हरियाली तीज 2025 सिर्फ एक व्रत नहीं, ये एक संवेदना है — नारीत्व की, प्रेम की, और पुनर्मिलन की।
यह पर्व माँ पार्वती के उस कठिन तप की याद दिलाता है, जो उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए किया। और आज भी, हम स्त्रियाँ उसी आस्था, विश्वास और प्रेम से ये व्रत करती हैं — ताकि हमारे वैवाहिक जीवन में भी सौभाग्य, स्थिरता और स्नेह बना रहे।

इस ब्लॉग में आप जानेंगी:

हरियाली तीज 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

पूजा विधि

व्रत की पारंपरिक कथा और उसका गूढ़ अर्थ

कौन-कौन सी रस्में निभाई जाती हैं

विवाहित और अविवाहित स्त्रियों के लिए विशेष परंपराएँ

सोलह श्रृंगार, हरे रंग और मेंहदी का सांस्कृतिक महत्व

और कुछ ऐसी बातें, जो मैंने खुद अनुभव कीं — और शायद आपको भी छू जाएँगी।

अगर आप भी मेरी तरह इस तीज को सिर्फ रस्मों की तरह नहीं, बल्कि एक आंतरिक उत्सव की तरह जीना चाहती हैं, तो चलिए — इस आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा पर एक साथ चलते हैं।

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🌿हरियाली तीज 2025 कल है — Sunday, 27 जुलाई 2025

मेरा दिल आज थोड़ा उत्साहित है क्योंकि हरियाली तीज 2025 कल है, और मैं इस बार इसे पहले से भी ज़्यादा गहराई से मनाना चाहती हूँ।
पिछले साल जब मैंने पहली बार व्रत रखा था, तब बंगाली मिठाईयों और झूले की धुनें थीं — लेकिन इस बार, मैं इसे एक आध्यात्मिक अनुभव बनाना चाहती हूँ।

हरियाली तीज 2025 की सटीक तिथि:

तृतीया तिथि प्रारंभ: शनिवार, 26 जुलाई 2025, शाम 10:41 बजे

तृतीया तिथि समाप्त: रविवार, 27 जुलाई 2025, शाम 10:41 बजे

पूजा और व्रत की श्रेष्ठ समयावधि: रविवार सुबह, ब्राह्म मुहूर्त (लगभग सूर्य उदय से पहले) और उसके बाद चोगड़िया समय, जब हरी छाया फैल चुकी होती है

✨ कुछ बातें जो मैंने महसूस की हैं — मेरी नजर से:

कल सुबह हरियाली तीज 2025 जब आप उठेंगी, उस वक़्त आपके मन में शांति, विश्वास और एक मिशन की भावना होनी चाहिए: आप व्रत सिर्फ याददाश्त से नहीं, बल्कि आत्मा से रख रही हैं।

💚हरियाली तीज 2025 का महत्व — सिर्फ व्रत नहीं, एक भावनात्मक यात्रा

जब मैंने पहली बार हरियाली तीज का व्रत किया था, तो घर की बुज़ुर्ग महिलाएँ कहती थीं — “बिटिया, तीज का मतलब सिर्फ उपवास नहीं, ये तो प्रेम की परख है।”

वो बातें तब शायद पूरी तरह समझ नहीं आईं, लेकिन आज जब मैं खुद एक गृहस्थ जीवन जी रही हूँ — तो हरियाली तीज मेरे लिए केवल रीति नहीं, रिश्तों को गहराई से समझने का माध्यम बन गई है।

हरियाली तीज मुख्य रूप से:

भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन की स्मृति है

सौभाग्य, प्रेम और दीर्घायु वैवाहिक जीवन के लिए मनाई जाती है

खासकर नवविवाहित स्त्रियाँ इसे बड़े उत्साह से मानती हैं

🙏हरियाली तीज 2025 की पूजा विधि – मेरी तरह से, आसान और सच्ची श्रद्धा से करें

हरियाली तीज 2025 का दिन मेरे लिए सिर्फ़ एक तिथि नहीं, एक अनुभूति है — एक ऐसी पूजा, जो दिल से जुड़ती है। हर साल जब यह दिन आता है, तो मैं भी वही करती हूँ जो मैं आज आपके साथ साझा कर रही हूँ। ये पूजा विधि किसी किताब से नहीं, बल्कि मेरी अपनी श्रद्धा और अनुभव से निकली है — सरल, सच्ची और पूर्ण।

आप भी मेरी तरह हरियाली तीज 2025 इस दिन को पूरे मन और श्रद्धा से मनाएं — तो यकीन मानिए, भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा आप पर ज़रूर बरसेगी।

🌸 1. दिन की शुरुआत ऐसे करें जैसे एक नई उम्मीद से

मैं हर तीज की सुबह बहुत जल्दी उठ जाती हूँ। ब्रह्म मुहूर्त यानी सूरज उगने से पहले का वक्त — ये समय बहुत पवित्र होता है।

अच्छे से स्नान करके साफ-सुथरे, हरे रंग के कपड़े पहनती हूँ। हरा रंग हरियाली और ताजगी का प्रतीक है।

बालों में गजरा, माथे पर बिंदी और मन में सच्चा भाव — यही होती है मेरी शुरुआत।

🧘‍♀️ 2. व्रत का संकल्प लें — पूरी आस्था से

मैं पूजा से पहले हाथ में जल, चावल और फूल लेकर संकल्प लेती हूँ।

मन ही मन कहती हूँ —
“मैं यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र, हमारे रिश्ते की मिठास और संपूर्ण परिवार की सुख-शांति के लिए करती हूँ।”

🏺 3. पूजा स्थान को सजाएं — जैसे मन का मंदिर

एक साफ चौकी को उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।

उस पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र रखें।

मैं कोशिश करती हूँ कि सब कुछ सादगी से लेकिन भावपूर्ण हो।

🌿 4. शिव-पार्वती का पूजन — भाव से करें, दिखावे से नहीं

पहले जल से अभिषेक करती हूँ, फिर दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराती हूँ।

बेलपत्र, धतूरा, फल और फूल अर्पित करती हूँ।

माता पार्वती को अपने हाथों से चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, काजल जैसी श्रृंगार सामग्री चढ़ाती हूँ।
ऐसा करते समय मन में यही भाव होता है — “हे मां! जैसे आपने शिव को पाया, वैसे ही हम स्त्रियों को भी प्रेमपूर्ण, आदर्श जीवनसाथी मिले।”

🔥 5. व्रत कथा — सिर्फ़ सुनना नहीं, समझना है

हर साल मैं कथा ज़रूर सुनती हूँ या पढ़ती हूँ — और इस बार मैं खुद भी अपने यूट्यूब चैनल पर हरियाली तीज की पूरी व्रत कथा अपलोड कर रही हूँ ताकि आप सब तक सही और सरल रूप में पहुंचे।

कथा का श्रवण ध्यानपूर्वक करें, तभी उसका फल मिलेगा।

🪔 6. आरती करें — दीप जलाएं, भाव जगाएं

फिर शिव-पार्वती की आरती करती हूँ — घी का दीपक जलाकर, हाथों में थाली लेकर।

आरती के बाद प्रसाद बांटती हूँ — जो भी घर में बना हो, फल, मिठाई या पंचामृत।

🪔 हरियाली तीज / हरतालिका तीज की शुभ आरती
🌺 माँ पार्वती को समर्पित यह पवित्र व्रत आरती, मेरी आवाज़ में गाई गई है — श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत। ✨ इस तीज पर करें माँ की आराधना पूरी श्रद्धा से, सुनें यह दिव्य आरती और पाएं माँ पार्वती का आशीर्वाद।

🎧 अब सुनें मेरी आवाज़ में:
👉 हरियाली तीज की व्रत आरती – Devotion Fit Channel
📿 विशेष रूप से हरियाली तीज और हरतालिका तीज के पूजन के लिए।

🔱 जय माँ पार्वती! हर हर महादेव!

🍛 7. निर्जला व्रत — शक्ति की परीक्षा, लेकिन प्रेम से

मैं इस दिन निर्जला व्रत करती हूँ — यानी पूरे दिन बिना जल और अन्न के।

ये आसान नहीं होता, पर हर बार लगता है जैसे मां शक्ति खुद शक्ति दे रही हों।

अगर आपकी सेहत साथ न दे, तो सिर्फ़ फलाहार या जल लेकर भी पूजा कर सकती हैं — भावना सच्ची होनी चाहिए।

💚 8. झूला और गीत — तीज की आत्मा

पूजा के बाद मैं अपनी सहेलियों और परिवार की महिलाओं के साथ झूले पर झूलती हूँ, पारंपरिक गीत गाते हैं —
“काले मेघा पानी दे…” जैसे गीतों से वातावरण खुद-ब-खुद हरियाली से भर जाता है।

ये सिर्फ़ उत्सव नहीं, हमारे लोकजीवन की सुंदर परंपरा है — और इसे जीवित रखना हमारा काम है।

📖 हरियाली तीज व्रत कथा – माँ पार्वती के अटूट प्रेम की अमर कहानी

हरियाली तीज 2025 की पूजा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक आप इसकी पौराणिक कथा का श्रवण न करें। यह कथा माँ पार्वती की अडिग तपस्या, नारी शक्ति, और अमर प्रेम की प्रेरणादायक कहानी है।

🌺 कथा की शुरुआत

एक समय की बात है — माता सती ने जब अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में आत्मदाह किया, तब भगवान शिव ने उन्हें छोड़कर ध्यान में लीन हो गए। युगों बीत गए। सती ने अगले जन्म में पार्वती के रूप में हिमालयराज के घर जन्म लिया।

🔥 माँ पार्वती की कठोर तपस्या

पार्वती जानती थीं कि उनका भाग्य सिर्फ और सिर्फ महादेव से जुड़ा है। उन्होंने शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए वर्षों तक घोर तप किया। उन्होंने भोजन त्याग दिया, फिर जल और यहां तक कि पत्तों का भी त्याग कर दिया। अंत में वो निर्जला तपस्या करने लगीं।

उनकी यह तपस्या कई जन्मों तक चली — कुछ कथाओं में इसे 108 जन्मों का प्रतीक बताया गया है।

🙏 देवताओं की चिंता और भगवान शिव की परीक्षा

देवताओं ने जब देखा कि पार्वती इतनी कठोर तप कर रही हैं, तो उन्होंने भगवान शिव से अनुरोध किया। लेकिन शिव परीक्षा लेना चाहते थे। वे एक ब्राह्मण के वेश में पार्वती के पास गए और बोले:

“हे देवी, तुम शिव को पति क्यों बनाना चाहती हो? वो तो वनवासी हैं, सर्प पहनते हैं, श्मशान में रहते हैं…”

पार्वती मुस्कराईं और दृढ़ता से बोलीं:

“मुझे वही चाहिए। मैं उन्हीं को अपना पति मानती हूँ — चाहे कुछ भी हो।”

💞 पार्वती का संकल्प और शिव का समर्पण

शिव ने जब यह प्रेम, आस्था और तप का संगम देखा — वे भावविभोर हो गए। उन्होंने पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया। उसी दिन को हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है — जब देवी पार्वती ने अपने संकल्प और तप से शिव को पाया।

🔔 हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें मेरी आवाज़ में

🌿 इस पावन अवसर पर सुनिए हरियाली तीज की संपूर्ण व्रत कथा – मेरी आवाज़ में, श्रद्धा और आस्था के साथ 🕉️ यह कथा न सिर्फ व्रत का महत्व बताती है, बल्कि माता पार्वती और शिवजी के मिलन की दिव्यता भी दर्शाती है।

📖 अब सुनें पूरी कथा:
👉 हरियाली तीज व्रत कथा – मेरी आवाज़ में
📺 सिर्फ Devotion Fit यूट्यूब चैनल पर।

🔱 हर हर महादेव! जय माँ पार्वती!

🌿हरियाली तीज 2025: विवाहित और कुंवारी महिलाओं के लिए विशेष बातें जो जानना ज़रूरी है

एक महिला के दिल से… मेरे अनुभव और आस्था से

🗓 तारीख: 27 जुलाई 2025, रविवार

🌙 चंद्र दर्शन: तीज चंद्रमा दर्शन रात्रि में होगा

👰‍♀️ विवाहित महिलाओं के लिए हरियाली तीज 2025

🌺 व्रत का भावार्थ:

इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शिव और पार्वती से अपने पति के लिए लंबी उम्र, सुख और प्रेममय जीवन की कामना करती हैं।

🌸 हरियाली तीज 2025 क्या करना चाहिए:

सूर्योदय से पहले स्नान कर संकल्प लें

निर्जला व्रत रखें (यदि स्वास्थ्य अनुमति दे)

सोलह श्रृंगार करें — मांग में सिंदूर, कंगन, बिंदी, बिचुए आदि

हरे रंग की साड़ी पहनें, हरी चूड़ियाँ धारण करें

शिव-पार्वती की मूर्ति को फूलों से सजाएं

तीज कथा सुनें और आरती करें

पति के चरण स्पर्श करें (यदि परंपरा में मान्यता हो)

💚 एक स्त्री का भावनात्मक पक्ष:

जब मैं अपने पति के लिए व्रत रखती हूं, तो वो सिर्फ धार्मिक परंपरा नहीं होती — वह मेरे मन का संकल्प होता है। हर घूंट पानी का त्याग, हर दुआ में उसका नाम — मुझे महसूस कराता है कि ये रिश्ता सिर्फ सामाजिक नहीं, आत्मिक है।

👩‍🦰 कुंवारी कन्याओं के लिए हरियाली तीज 2025

🌸 भाव और उद्देश्य:

कुंवारी कन्याएं इस दिन उपवास करती हैं ताकि उन्हें शिव जैसा आदर्श जीवनसाथी मिले — समर्पित, शांत और प्रेममय।

🌿 क्या करें:

प्रातःकाल स्नान कर संकल्प लें

“जैसा प्रेम पार्वती को मिला, वैसा मुझे भी मिले” — इस भावना से पूजा करें

बेलपत्र और पीपल की पूजा करें

शिव-पार्वती की मूर्ति के समक्ष दीपक जलाएं

तीज कथा सुनें और ध्यान लगाएं

पूजा के बाद 7 परिक्रमा करें किसी पवित्र वृक्ष की

💬 एक लड़की का सपना:

हर लड़की के मन में वह सपना होता है — एक ऐसा साथी जो उसे समझे, बिना कहे उसके मन की सुने। हरियाली तीज का यह व्रत उस सपने को शक्ति और दिशा देने का पर्व है। मैंने भी कभी इसी विश्वास से तीज का व्रत रखा था।

🌿 हरियाली तीज 2025 की रस्में और परंपराएं

🎶 झूला झूलने की परंपरा:

गाँवों और शहरों में महिलाएं एक-दूसरे के साथ झूला झूलती हैं। यह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि स्त्री स्नेह और आत्मीयता का प्रतीक है।

👗 सोलह श्रृंगार:

श्रृंगार में चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, काजल, नथनी आदि शामिल हैं। यह स्त्री की ऊर्जा और उसकी सौंदर्य शक्ति को दर्शाता है।

🎁 सावन के तोहफे:

सासें अपनी बहुओं को “सिंदारा” भेजती हैं — जिसमें मिठाइयाँ, श्रृंगार का सामान और वस्त्र होते हैं। यह प्यार और आशीर्वाद का प्रतीक है।

⚠️क्या न करें (Do’s & Don’ts)

❌ न करें ✅ करें (हरियाली तीज 2025)

क्रोध शांत मन रखें
झूठ बोलना सत्य का पालन करें
ईर्ष्या, द्वेष दूसरों को आशीर्वाद दें
पूजा में लापरवाही पूरी श्रद्धा से करें

🌿 7 जरूरी परंपराएं जो हर महिला को हरियाली तीज 2025 में दिल से निभानी चाहिए – मेरी अपनी जुबानी

हरियाली तीज मेरे लिए सिर्फ एक तीज नहीं होती — ये तो जैसे एक एहसास है, एक उत्सव है जिसमें सुकून, संस्कार, श्रृंगार और समर्पण सब कुछ शामिल होता है। हर साल जब सावन की ठंडी बयार बहती है, हर तरफ हरियाली छा जाती है, तो मन खुद-ब-खुद तीज की मिठास में खो जाता है।

हरियाली तीज 2025 के मौके पर मैं आपसे दिल से वो 7 परंपराएं शेयर करना चाहती हूँ, जिन्हें मैं हर साल पूरी श्रद्धा और उमंग से निभाती हूँ — और जो हर नारी को निभानी भी चाहिए, क्योंकि इनमें छिपा है एक औरत का सौंदर्य, उसका अपनापन और उसकी आस्था।

  1. 💧 निर्जला व्रत रखना — तन से नहीं, मन से

मैं खुद इस दिन निर्जला व्रत रखती हूँ। न पानी, न खाना — सिर्फ मन में प्रभु का नाम और एक शांति। ये उपवास कोई बोझ नहीं, बल्कि माता पार्वती की तरह अपने प्रेम और आस्था की परीक्षा है। ये व्रत मुझे खुद के और अपने रिश्तों के और करीब ले जाता है।

  1. 💚 हरे रंग में खुद को सजाना – सिर्फ श्रृंगार नहीं, समर्पण भी

हरियाली तीज पर मैं हर बार हरे रंग की साड़ी या सूट पहनती हूँ। हरे चूड़ियाँ, बिंदी, हरे बंधन की तरह मुझे प्रकृति और पति दोनों से जुड़ने का एहसास दिलाते हैं। हरा रंग सिर्फ फैशन नहीं, हरियाली का प्रतीक है — खुशहाली और आशा का।

  1. 🌸 मेहंदी लगाना — दिल से, सखी संग

मेहंदी मेरे लिए सिर्फ रंग नहीं, रिवायत है। हर साल मैं अपनी सखियों के साथ मिलकर मेहंदी लगाती हूँ, हँसी-मज़ाक करती हूँ, और दिल से चाहती हूँ कि मेरा रिश्ता और भी मजबूत हो। और हाँ, जब मेहंदी गाढ़ी चढ़ती है, तो सच कहूँ — दिल मुस्कुरा उठता है!

  1. 🌼 झूला झूलना और तीज गीत गाना – एक लड़की फिर से जी उठती है

क्या आप जानती हैं कि झूला सिर्फ झूला नहीं होता? जब मैं झूले पर बैठती हूँ, तो ऐसा लगता है जैसे फिर से बच्ची बन गई हूँ। सखियों के साथ वो “तीज तीज आयी” वाले गीत — वो हँसी, वो रागिनी — दिल को फिर से ताज़ा कर देते हैं।

  1. 💄 सोलह श्रृंगार – सिर्फ बाहरी नहीं, आत्मा का श्रृंगार भी

मैं हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार करती हूँ — बिंदी से लेकर बिचुए तक। ये श्रृंगार मुझे एक देवी का रूप देते हैं। यह मेरे मन की सजावट है, जो मुझे मेरी पहचान याद दिलाती है — एक प्रेमिका, एक पत्नी, एक नारी।

  1. 📖 हरियाली तीज की कथा सुनना – आस्था से जुड़ने का सबसे प्यारा तरीका

हर साल, मैं माता पार्वती और शिव जी की तीज कथा ज़रूर सुनती हूँ। ये कथा सुनकर लगता है जैसे प्रेम, त्याग और तपस्या का अद्भुत मेल है यह व्रत। मैं खुद मिट्टी से बनी मूर्तियों से पूजा करती हूँ — और इस प्रक्रिया में एक अनकहा सुख मिलता है।

  1. 🎁 सास को सौगात भेजना – रिश्तों की मिठास को बनाए रखना

मैं तीज पर अपनी सास को “सिंधारा” भेजती हूँ — कपड़े, मेवे, मिठाई, चूड़ियाँ, और श्रृंगार का सामान। ये सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि उनके लिए मेरे मन में आदर और स्नेह का प्रतीक है। और जब वो आशीर्वाद देती हैं, तो मन खुद-ब-खुद भर आता है।

🌿 मेहंदी, सोलह श्रृंगार और हरे रंग का दिल से जुड़ा महत्व – मेरी नज़र से

हरियाली तीज 2025 मेरे लिए सिर्फ व्रत या परंपरा नहीं है… ये दिन होता है खुद से जुड़ने का। वो भी एक ऐसे रूप में — जो भीतर से भी सजी-संवरी होती है और बाहर से भी सौभाग्य की परछाईं में चमकती है।

इस दिन जब मैं खुद को तैयार करती हूँ — मेहंदी से लेकर सोलह श्रृंगार तक — तो हर चीज़ जैसे कोई दुआ बन जाती है। चलिए आपको बताती हूँ कि मेरे लिए इन सबका क्या मतलब होता है…

🌸 मेहंदी – जिसमें रची होती है प्यार की खुशबू

मेहंदी सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं होती मेरे लिए, ये मेरे रिश्ते की गर्मी और गहराई दोनों की निशानी है।

जब मैं हाथों में मेहंदी लगाती हूँ, तो मां की वो बात हर बार याद आती है —
“जितनी गहरी मेहंदी होगी, उतना ही गहरा पति का प्यार होगा।”

और सच कहूं तो, उस ठंडी ठंडी मेहंदी में जो सुकून होता है ना… वो किसी और चीज़ में नहीं मिलता।
वो महक, वो रंग, वो इंतज़ार — सबकुछ जैसे एक प्रेम कहानी बन जाते हैं मेरे हाथों पर।

मेहंदी लगाना मेरे लिए सिर्फ श्रृंगार नहीं है —
ये एक दुआ है, एक प्रतीक्षा है… और कहीं ना कहीं खुद से प्यार करने का तरीका भी।

👑 सोलह श्रृंगार – जब हम देवी बनते हैं अपने लिए, सिर्फ दूसरों के लिए नहीं

हरियाली तीज पर जब मैं बिंदी लगाती हूँ, चूड़ियाँ पहनती हूँ, सिंदूर भरती हूँ… तो हर चीज़ जैसे बोलती है मुझसे।
हर चूड़ी की खनक मुझे ये एहसास दिलाती है कि मैं एक पत्नी हूँ, एक स्त्री हूँ – और ये मेरी शक्ति है।

बहुत लोग सोचते हैं कि श्रृंगार सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए होता है… लेकिन सच कहूं तो,
मैं खुद को सजाती हूँ अपने लिए, अपने उस रूप के लिए जिसने प्रेम में, रिश्ते में खुद को पूरी तरह समर्पित किया।

सोलह श्रृंगार मेरे लिए कोई “दबाव” नहीं —
ये तो मेरा उत्सव है, मेरी पहचान… मेरी आस्था और शक्ति दोनों का प्रतीक।

💚 हरा रंग – सिर्फ पहनावा नहीं, उम्मीद की छांव है

हरियाली तीज का मतलब ही होता है हरियाली, ताजगी, नवजीवन।
और जब मैं हरी साड़ी पहनती हूँ, हरे कांच की चूड़ियाँ हाथों में सजाती हूँ… तो वो रंग सिर्फ तन पर नहीं, मन पर भी चढ़ जाता है।

हरे रंग में एक शांति होती है, एक उम्मीद होती है…
जैसे प्रकृति खुद कह रही हो — “सब अच्छा होगा।”

मैं जब खुद को इस रंग में देखती हूँ, तो लगता है जैसे मैंने जीवन को फिर से गले लगा लिया हो।

💚 सावन में श्रृंगार और व्रत के साथ-साथ अपनी त्वचा और बालों की देखभाल भी उतनी ही ज़रूरी है। अगर आप नैचुरल तरीके से चमकती त्वचा और झड़ते बालों की समस्या से राहत पाना चाहती हैं, तो इन 5 घरेलू उपायों को ज़रूर पढ़ें। ये टिप्स खास तौर पर सावन और हरियाली तीज के समय के लिए बनाए गए हैं।

🔊 Haryali/Hartalika तीज का शुभ मंत्र – माँ पार्वती के व्रत के लिए विशेष

🌿 हरियाली तीज और हरतालिका तीज के पावन अवसर पर, माँ पार्वती की कृपा पाने के लिए सुनें यह दिव्य और शक्तिशाली व्रत मंत्र — मेरी आवाज़ में 🕉️ यह मंत्र आपकी भक्ति को गहराई देगा और पूजा में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगा।

🎧 अब सुनें मेरी आवाज़ में:
👉 Teej Special Mantra – Powerful Vrat Chant
📺 सिर्फ Devotion Fit Channel पर – जहाँ भक्ति मिलती है आत्मा से।

🔱 जय माँ पार्वती! हर हर महादेव!

🙋‍♀️FAQs – हरियाली तीज 2025 के बारे में पूछे जाने वाले सवाल

Q1: क्या हरियाली तीज का व्रत केवल विवाहित महिलाओं के लिए होता है?
Ans: नहीं, कुंवारी कन्याएं भी इसे आदर्श जीवनसाथी के लिए रखती हैं।

Q2: व्रत के दिन पानी पी सकते हैं क्या?
Ans: यह निर्जला व्रत होता है, लेकिन यदि स्वास्थ्य ठीक न हो तो फलाहार ले सकते हैं।

Q3: क्या व्रत तोड़ने का विशेष मुहूर्त होता है?
Ans: हाँ, कथा और पूजा के बाद चंद्र दर्शन कर व्रत तोड़ा जाता है।

Q4: क्या घर पर ही पूजा कर सकते हैं?
Ans: बिल्कुल! श्रद्धा से किया गया हर पूजन शिव-पार्वती को स्वीकार्य होता है।

💌 हरियाली तीज 2025- मेरी ओर से एक संदेश

हरियाली तीज सिर्फ एक दिन का व्रत नहीं — यह नारीत्व की शक्ति का उत्सव है।
मैंने जब पहली बार इसे श्रद्धा से मनाया था, तब जाना कि स्त्री का प्रेम, उसकी आस्था — पर्वों से भी बड़ा होता है।

अगर आप भी तीज मना रही हैं, तो खुद पर गर्व कीजिए। आपका व्रत, आपकी भावना और आपके संकल्प — ईश्वर तक जरूर पहुँचते हैं।

🌿 अब आपकी बारी है… मेरी तीज की परंपराएं आप तक पहुंचीं, तो अब आप क्या करेंगी?

हरियाली तीज 2025 सिर्फ व्रत या श्रृंगार का दिन नहीं है, ये हमारे रिश्तों की मिठास, परंपराओं की खुशबू और नारी शक्ति की सुंदर अभिव्यक्ति है।

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शायद आपकी एक शेयर किसी के तीज को और भी खास बना दे!

💚 और हाँ… इस हरियाली तीज पर, खुद से वादा करें — कि आप सिर्फ रस्में नहीं निभाएंगी, बल्कि हर रस्म में अपना प्रेम, आस्था और मुस्कान भरेंगी।

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