
नवरात्रि 2025: शुभ तिथियां, पूजा विधि और महत्त्व जानें
नवरात्रि हमारे हिंदू धर्म का एक बेहद पावन त्योहार है, जिसे पूरे भक्तिभाव से मनाया जाता है। इस खास पोस्ट में, मैं आपको शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व के बारे में पूरी जानकारी दूंगी, ताकि आप इस नवरात्रि 2025 को सही तरीके से और मन की शांति के साथ मना सकें। यहाँ आपको नवरात्रि की शुभ तिथियां, माता की आराधना का सही तरीका, और इस पर्व के पीछे छुपे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।
तो चलिए, शुरू करते हैं इस पावन त्योहार की तैयारी और पूजा विधि से, जो आपके नवरात्रि को और भी विशेष और सार्थक बना देगी।
दोस्त, नवरात्रि का वो प्यारा समय फिर आने वाला है जब हम सब मिलकर मां दुर्गा की भक्ति में डूब जाते हैं। इस बार की शारदीय नवरात्रि 2025 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी, और हाँ, विजयदशमी यानी दशहरा 2 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
अब बात करते हैं उस खास शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व की, जो हमें माँ की शक्ति से जोड़ती है। नौ दिन, नौ रूपों की पूजा, हर दिन एक नई कहानी, एक नई सीख लेकर आती है। हर दिन माता का अलग स्वरूप पूजना हमें अंदर से मजबूत बनाता है।
इस दौरान सुबह-शाम ध्यान लगाओ, मन से मंत्र पढ़ो, खासकर “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का जाप। अगर व्रत रख पाओ तो और भी अच्छा — माँ की कृपा दुगनी हो जाती है।
घटस्थापना से शुरू करो, साफ-सफाई रखो, और घर को रंगो-बिरंगी फूलों से सजाओ ताकि माँ खुश हों। यही पूजा विधि और ये दिन हमारे जीवन में शांति और सकारात्मकता लाते हैं — यही है नवरात्रि का असली महत्त्व।
तो इस बार अपनी श्रद्धा के साथ करें शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को अपनाना, और पाओ माँ का आशीर्वाद हर कदम पर।
दोस्त, मैं जानती हूँ नवरात्रि के बारे में इतनी सारी बातें समझना कभी-कभी थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए मैंने आपके और आपके पाठकों की सहूलियत के लिए नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ स्वरूप और उनके पूजा के शुभ मुहूर्त को एक साफ-सुथरी टेबल में सजाया है। ताकि आप आसानी से देख सको, कौन सा दिन किस माँ को समर्पित है और पूजा के लिए सबसे अच्छा समय कब है।
इस तरह से आपको बार-बार अलग-अलग जगह से जानकारी जुटानी नहीं पड़ेगी, और आप दिल से अपनी पूजा की तैयारी में लग सकते हैं।
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नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ स्वरूप और शुभ मुहूर्त:
दिन संख्या | दिनांक (2025) | मां का स्वरूप | शुभ मुहूर्त (सुबह का समय) |
---|---|---|---|
1 (प्रथम) | 22 सितंबर 2025 | मां शैलपुत्री | सुबह 6:00 बजे से 9:30 बजे तक |
2 (द्वितीय) | 23 सितंबर 2025 | मां ब्रह्मचारिणी | सुबह 6:10 बजे से 9:40 बजे तक |
3 (तृतीय) | 24 सितंबर 2025 | मां चंद्रघंटा | सुबह 6:15 बजे से 9:45 बजे तक |
4 (चतुर्थ) | 25 सितंबर 2025 | मां कुष्मांडा | सुबह 6:20 बजे से 9:50 बजे तक |
5 (पंचम) | 26 सितंबर 2025 | मां स्कंदमाता | सुबह 6:25 बजे से 9:55 बजे तक |
6 (षष्ठ) | 27 सितंबर 2025 | मां कात्यायनी | सुबह 6:30 बजे से 10:00 बजे तक |
7 (सप्तम) | 28 सितंबर 2025 | मां कालरात्रि | सुबह 6:35 बजे से 10:05 बजे तक |
8 (अष्टमी) | 29 सितंबर 2025 | मां महागौरी | सुबह 6:40 बजे से 10:10 बजे तक |
9 (नवमी) | 30 सितंबर 2025 | मां सिद्धिदात्री | सुबह 6:45 बजे से 10:15 बजे तक |
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पता है, मैं जब पहली बार नवरात्रि मनाती थी, तो मुझे समझ में नहीं आता था कि ये नौ दिन क्यों इतने खास होते हैं। पर जब मैंने धीरे-धीरे जाना, तब महसूस हुआ कि हर दिन की अपनी एक कहानी है, एक संदेश है। और यही नवरात्रि की असली खूबसूरती है।
माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का जो सिलसिला है, उसमें छुपा है हमारे जीवन का हर पहलू — चाहे वह धैर्य हो, साहस हो, प्रेम हो या सफलता। मैंने अपनी एक रिश्तेदार से सुना था कि नवरात्रि के दिन केवल पूजा करना ही नहीं, बल्कि उसके पीछे छुपे अर्थ को समझना ज़रूरी है। तभी तो इस पर्व का असली महत्त्व हमारे दिल तक पहुंचता है।
तो चलिए, अब मैं आपको बताती हूँ शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व के साथ-साथ नवरात्रि के हर दिन का क्या खास मतलब होता है —
- पहला दिन – माँ शैलपुत्री की पूजा से हम सीखते हैं कि ज़मीन से जुड़ना और धैर्य रखना कितना जरूरी है। बिना मजबूत जड़ के कोई पेड़ नहीं उगता, उसी तरह बिना धैर्य के हम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकते।
- दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी हमें आत्मसंयम का पाठ पढ़ाती हैं। मुझे याद है, मेरी एक सहेली ने बताया था कि जब वो मुश्किलों में थी, तब उसने संयम रखा और सफलता मिली।
- तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा से हम अंदर की ताकत और साहस को जगाते हैं। डर को दूर करके ही हम आगे बढ़ पाते हैं।
- चौथा दिन – मां कुष्मांडा का दिन है नयी ऊर्जा और सकारात्मक सोच का। ये दिन हमें सिखाता है कि जीवन में हमेशा आशा और उम्मीद रखनी चाहिए।
- पांचवा दिन – मां स्कंदमाता से हम प्यार और करुणा की सीख लेते हैं। रिश्तों में प्रेम की ताकत बहुत बड़ी होती है।
- छठा दिन – मां कात्यायनी की पूजा हमें अपने अंदर छुपी ताकत का एहसास कराती है।
- सातवाँ दिन – मां कालरात्रि डर को दूर करने वाली माँ हैं। जब मन में भय होता है, तब उनकी पूजा से हिम्मत बढ़ती है।
- आठवाँ दिन – मां महागौरी शुद्धता और सादगी का प्रतीक हैं।
- नौवाँ दिन – मां सिद्धिदात्री से हम कामनाओं की पूर्ति और सफलता का आशीर्वाद पाते हैं।
इन सभी दिनों में की गई पूजा और व्रत से हमारे अंदर आत्मबल आता है, और हमारा जीवन सुखमय बनता है। ये सब मैं अपनी जिंदगी के अनुभव से कह रही हूँ।
इसलिए मैं कहती हूँ कि शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर मनाना बहुत ज़रूरी है। केवल पूजा कर लेने से कुछ नहीं होगा, अगर उसके अर्थ को दिल से न अपनाएं।
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मैं आपके साथ ये सब इसलिए साझा कर रही हूँ ताकि आप शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को पूरी श्रद्धा और समझदारी से अपना सकें। नवरात्रि के ये नौ दिन सिर्फ पूजा के दिन नहीं, बल्कि जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देने वाले खास अवसर हैं।
➤ घटस्थापना कैसे करें?
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत में सुबह स्नान करके पूजा स्थल को साफ़-सुथरा कर लें। मिट्टी के कलश में जौ बोकर ऊपर नारियल रखें और आम के पत्तों से उसे सजाएं। फिर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र कलश के सामने स्थापित करें।
दीप जलाएं, मन में भक्ति रखें और दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करें। यह घटस्थापना ही है जो हमारे नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व की नींव होती है।
➤ दुर्गा पूजा विधि
शारदीय नवरात्रि के हर दिन माँ दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा करें। साथ ही दुर्गा चालीसा और सप्तशती का पाठ करें, जिससे मन में शांति और आत्मबल आता है।
माँ को लाल फूल, चंदन और अक्षत चढ़ाएं। भोग में फल, मिठाई, पंचामृत और नारियल जरूर अर्पित करें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें, जिससे सभी में माँ की कृपा बनी रहे।
➤ हवन और कन्या पूजन
अष्टमी या नवमी को हवन करना शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व का एक अहम हिस्सा है। इस दिन नौ कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराएं, उन्हें लाल चुन्नी और दक्षिणा दें।
इससे न केवल माँ की कृपा बढ़ती है, बल्कि परिवार में सौभाग्य और खुशहाली भी आती है।
शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर और दिल से निभाकर आप इस पर्व को अपने जीवन में खुशियों और सफलता से भर सकते हैं।
सात्विक आहार ही लें — यानी ऐसा खाना जो शुद्ध और हल्का हो। इससे शरीर और मन दोनों को फायदा मिलता है।मैं जब भी चैत्र नवरात्रि का व्रत रखती हूँ, तो सिर्फ नियमों का पालन नहीं करती, बल्कि पूरे मन से उस व्रत को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेती हूँ। मुझे पता है ये व्रत हमारी सेहत और मन दोनों के लिए कितना फायदेमंद होता है।
प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से दूर रहें – मैं अपने घर में प्याज-लहसुन बिल्कुल नहीं खाती, और मेरी भाभी भी ऐसा ही करती हैं। हमारी एक खास सहेली है, जो पहले तामसिक चीजें खा लिया करती थी, पर जब से उसने ये सात्विक भोजन अपनाया है, उसका मन और शरीर दोनों स्वस्थ और शांत महसूस करते हैं।
फलाहार या एक बार भोजन करें —हम सब एक बात में एकदम एकमत हैं – नवरात्रि व्रत में फलाहार या एक बार खाना खाना ही सही है। इससे व्रत की ऊर्जा बनी रहती है और पूजा का प्रभाव भी गहरा होता है।
दिनभर माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करते रहें —दिनभर मैं मां दुर्गा के मंत्र जाप में लग जाती हूँ, और मेरा मन हमेशा शुद्ध और सकारात्मक रहता है। यही कारण है कि हर बार व्रत पूरा करने के बाद मैं खुद को नई ताकत और सुकून से भरपूर महसूस करती हूँ।
नकारात्मक सोच से दूर रहें और संयम बनाए रखें —और सबसे जरूरी बात, हम सब नकारात्मक विचारों को दिल से दूर रखते हैं। हमने देखा है कि जब मन शांत होता है, तब माँ की कृपा अपने आप झलकने लगती है।
अगर आपको भी ये सब अपनाना है, तो जानिए कि हम सब ने इसे अपने जीवन में आजमाया है और सच्चे मन से महसूस किया है। इसलिए आप भी शुरू कीजिए — नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर, ये व्रत नियम अपना कर माँ का आशीर्वाद पाईए।
✨ Maa Durga ke Nau Roop
Navratri ke dauran Maa Durga ke nau roop ka gyaan lena aur unke alag-alag swaroop se jude rahasya samajhna ek adbhut anubhav hai.
👉 Maa Durga ke nau roop ke baare mein yahan padhein
देखो, नवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि ये हमारे लिए आत्मशुद्धि और मन की सफाई का समय होता है। जब मैं नवरात्रि मनाती हूँ, तो महसूस करती हूँ कि मां दुर्गा की कृपा से हमारे सारे संकट पीछे हट जाते हैं।
यह नौ दिन हमें अंदर से मजबूत बनाते हैं — जैसे धैर्य, साहस और शक्ति हमें खुद-ब-खुद मिल जाती है। मेरी एक सहेली बताती थी कि जब उसने पहली बार सचमुच पूरे दिल से नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर व्रत रखा, तो उसके मन का घमंड और डर दोनों कम हो गए।
और हाँ, नवरात्रि के साथ रामनवमी भी आती है, जो भगवान श्रीराम के जन्म का दिन है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि हमेशा धर्म और सच के रास्ते पर चलना चाहिए।
तो अगर हम दिल से ये नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व अपनाएं, तो न केवल मां की कृपा हमारे ऊपर बनी रहेगी, बल्कि हमारी ज़िंदगी में भी खुशियाँ और सफलता अपने आप आ जाएंगी।
सफलता के लिए
रोज़ माँ सरस्वती की पूजा करो। उनका आशीर्वाद हमारे ज्ञान और कामों को सफल बनाता है।
मेरा अनुभव: जब मैंने नवरात्रि में पूरे मन से माँ सरस्वती की पूजा शुरू की, तो मेरे काम में एक नई रफ्तार आई। पहले जो मुश्किलें थीं, वे आसान लगने लगीं। मैंने महसूस किया कि माँ का आशीर्वाद सच में मुझे आगे बढ़ने की ताकत दे रहा है।
धन प्राप्ति के लिए
देवी लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें। इससे धन की देवी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि बढ़ती है।
मेरी भाभी की कहानी: मेरी भाभी ने नवरात्रि में ये उपाय किया। कुछ दिनों बाद उसके घर में आर्थिक स्थिति सुधरने लगी। उसे लगा कि माँ लक्ष्मी की कृपा से उसका घर धन-धान्य से भर गया।
नकारात्मकता दूर करने के लिए
काले तिल और गुड़ का दान करें। ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
हमारी सहेली का अनुभव: हमारी एक सहेली पहले नकारात्मकता से परेशान रहती थी। उसने नवरात्रि के दौरान काले तिल और गुड़ का दान किया। उसने बताया कि घर का माहौल शांत और खुशहाल हो गया, और उसका मन भी हल्का हो गया।
स्वास्थ्य लाभ के लिए
दुर्गा सप्तशती के ‘अर्गला स्तोत्र’ का पाठ करें। इससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं।
मेरी अपनी बात: मैं खुद इस स्तोत्र का नियमित पाठ करती हूँ। इससे मेरी तबीयत ठीक रहती है और मानसिक तनाव भी कम होता है। मैंने अपने परिवार में भी इस उपाय से स्वास्थ्य में सुधार देखा है।
जब हम ये नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर इन उपायों को दिल से करते हैं, तो माँ की कृपा अपने आप हमारे जीवन में बरसती है। आप भी इन अनुभवों को अपनाइए, और देखिए कैसे आपके जीवन में खुशियाँ और सफलता आती हैं।
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नवरात्रि के इन नौ पावन दिनों में जब हम माँ दुर्गा की आराधना करते हैं, तो भजन और मंत्रों का उच्चारण हमारे मन को शुद्ध करता है और ऊर्जा से भर देता है। माँ की कृपा पाने के लिए इन भजनों और मंत्रों को पूरे श्रद्धा और भक्ति से गाना या जपना चाहिए।
नवरात्रि के कुछ प्रसिद्ध भजन
- “जय माता दी”
माँ के प्रति असीम श्रद्धा और प्रेम व्यक्त करने वाला यह भजन हर घर में गाया जाता है। इसकी सरलता और मधुरता से मन प्रसन्न हो जाता है। - “चालीसा”
दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मन में भय नहीं रहता और माँ की शक्ति की अनुभूति होती है। - “अष्टमी आरती”
अष्टमी के दिन की आरती में माँ के नौ रूपों का गुणगान होता है, जो भक्तों के मन को आनंदित कर देता है।
नवरात्रि के प्रसिद्ध मंत्र
- ॐ दुं दुर्गायै नमः
यह सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है, जो माँ दुर्गा की रक्षा और आशीर्वाद के लिए जपा जाता है। - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महा कालि स्वाहा
यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा नष्ट करने और शक्ति बढ़ाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। - ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
माँ चामुण्डा के लिए यह मंत्र विशेष रूप से शक्तिशाली है।
जब हम नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर इन भजनों और मंत्रों का मन से जप करते हैं, तो माँ की कृपा और आशीर्वाद हमारे जीवन में स्वतः ही प्रकट होने लगती है।
नवरात्रि में माँ के नौ रूप: पूजा विधि, मंत्र एवं गाइड
✨ नवरात्रि के पावन समय में माँ के नौ दिव्य स्वरूपों को जानना और उनकी पूजा विधि व मंत्र का सही ज्ञान पाना चाहते हैं?
👉 नवरात्रि: माँ के 9 रूप – पूजा विधि और मंत्र गाइड यहाँ पढ़ें
मेरी अपनी आवाज़ में नवरात्रि के मंत्र और भजन – खास आपके लिए, सिर्फ @devotionfit पर
दोस्तों, नवरात्रि के पावन अवसर पर मैंने अपने यूट्यूब चैनल @devotionfit पर खास आपके लिए माँ दुर्गा के मंत्र और भजन अपनी आवाज़ में रिकॉर्ड किए हैं।
ये भजन और मंत्र मैंने पूरे मन से, अपने दिल की आवाज़ में गाए हैं ताकि आपको माँ की कृपा और शक्ति महसूस हो। आप इन मंत्रों और भजनों को सुनकर न केवल पूजा विधि और महत्त्व को समझ पाएंगे, बल्कि आपकी भक्ति भी और गहरी होगी।
आपके लिए ये सब मैंने इसलिए किया है ताकि आप कहीं भी, कभी भी माँ की आराधना कर सकें और अपने घर में आध्यात्मिक माहौल बना सकें।
नीचे दिए गए हर लिंक पर क्लिक करके आप सीधे मेरी आवाज़ में ये शक्तिशाली मंत्र और भजन सुन सकते हैं।
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे॥
इस मंत्र में माँ दुर्गा की पूरी शक्ति समाई हुई है। इसे जपते ही आपके अंदर एक नई ऊर्जा और सुरक्षा का अनुभव होगा। 👉 सुनने के लिए क्लिक करें - माँ दुर्गा का पावरफुल मंत्र
जब भी मन भारी हो या मुश्किलें घेर लें, इस मंत्र का जाप करें। माँ दुर्गा आपकी हर परेशानी दूर करेंगी। - 👉 सुनने के लिए क्लिक करें
- दुर्गा रक्षा स्त्रोत्र
यह स्त्रोत आपकी रक्षा करता है और नकारात्मकता को दूर भगाता है। इसे नियमित सुनने से मन और घर दोनों सुरक्षित रहते हैं। 👉 सुनने के लिए क्लिक करें
➤ लोकप्रिय भजन
- दुर्गा अमृतवाणी
माँ दुर्गा की मधुर वाणी से मन को शांति मिलती है और भक्ति का भाव और गहरा होता है।
👉 सुनने के लिए क्लिक करें - दुर्गा स्तुति
यह भजन माँ के विभिन्न रूपों की महिमा का वर्णन करता है। इसे सुनते ही मन आनंद से भर उठता है।
👉 सुनने के लिए क्लिक करें - स्पेशल आरती
नवरात्रि की आरती के समय यह भजन पूरे वातावरण को पावन कर देता है। इसे जरूर सुनें और आरती में शामिल हों।
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आप बस “सुनने के लिए क्लिक करें” वाले लिंक में अपनी मनपसंद ऑडियो या वीडियो लिंक डाल दीजिए, और आपके पाठकों के लिए ये सेक्शन बिलकुल ज़िन्दा और आकर्षक हो जाएगा।
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1. नवरात्रि पूजा विधि क्या होती है?
नवरात्रि पूजा विधि में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा, दुर्गा सप्तशती और चालीसा का पाठ, भोग अर्पित करना और व्रत रखना शामिल होता है। यह विधि हमारे मन और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है।
2. नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्त्व क्या है?
नवरात्रि हमारे अंदर छुपी शक्ति, धैर्य और साहस को जगाने का समय होता है। यह आत्मशुद्धि का पर्व है, जब हम माँ दुर्गा की कृपा से सभी संकटों से मुक्त होते हैं और मन-शरीर से मजबूत बनते हैं।
3. नवरात्रि में कौन-कौन से मंत्र जपें?
नवरात्रि में “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” जैसे शक्तिशाली मंत्र जपे जाते हैं। इसके अलावा दुर्गा रक्षा स्त्रोत और दुर्गा चालीसा का पाठ भी लाभकारी होता है।
4. क्या नवरात्रि में फलाहार करना जरूरी है?
हाँ, नवरात्रि व्रत में सात्विक आहार लेना चाहिए। कई लोग फलाहार करते हैं या एक समय भोजन करते हैं ताकि शरीर हल्का रहे और मन पूजा में लगा रहे।
5. नवरात्रि के दौरान कौन से उपाय विशेष लाभकारी होते हैं?
माँ सरस्वती की पूजा, देवी लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करना, काले तिल और गुड़ का दान, और दुर्गा सप्तशती के ‘अर्गला स्तोत्र’ का पाठ करना नवरात्रि में बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है।
6. क्या नवरात्रि के दौरान हवन और कन्या पूजन करना जरूरी है?
हवन और कन्या पूजन नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व का अहम हिस्सा हैं। हवन से घर और मन शुद्ध होते हैं, और कन्या पूजन से माँ की कृपा बनी रहती है।
7. शारदीय नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व का पालन करने से जीवन में क्या बदलाव आते हैं?
जब हम पूरी श्रद्धा और मन से नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को अपनाते हैं, तो हमारी मानसिक शांति बढ़ती है, सकारात्मकता आती है और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है। माँ दुर्गा की कृपा से हम जीवन की मुश्किलों का सामना हिम्मत और धैर्य से कर पाते हैं।
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निष्कर्ष
नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को समझकर और पूरी श्रद्धा से निभाकर हम अपने जीवन में माँ दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद को महसूस कर सकते हैं। ये न केवल हमारी आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि हमें मुश्किल समय में भी साहस, धैर्य और सकारात्मक ऊर्जा देता है।
जब हम अपने दिल से इन पूजा विधियों और व्रत नियमों का पालन करते हैं, तो माँ की कृपा अपने आप हमारे जीवन में आती है और हर परेशानी दूर हो जाती है। नवरात्रि का ये पर्व हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और मेहनत से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।
आपका अगला कदम
अब जब आप नवरात्रि पूजा विधि और महत्त्व को जान चुके हैं, तो इस नवरात्रि पर माँ दुर्गा की भक्ति को दिल से अपनाएं।
- मेरी यूट्यूब चैनल @devotionfit पर जाएं और मेरी अपनी आवाज़ में मंत्र और भजन सुनें।
- इन पूजा विधियों को अपने परिवार और दोस्तों के साथ भी साझा करें।
- अपनी भक्ति को मजबूत करने के लिए नियमित मंत्र जाप और भजन गाएं।
माँ की कृपा सदैव आप पर बनी रहे! अगर आपको ये जानकारी पसंद आई हो तो इसे जरूर शेयर करें और अपने अनुभव कमेंट में बताएं।
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