चतुर्थी नवरात्रि, माँ भुवनेश्वरी के पूजन का विशेष दिन है। इस दिन माँ भुवनेश्वरी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में सुख, समृद्धि, और मानसिक शांति प्राप्त होती है। माँ भुवनेश्वरी पूजा विधि माँ भुवनेश्वरी को संसार की रचनाकार और पालनकर्ता माना जाता है। वे विशेष रूप से हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।
इस ब्लॉग में हम आपको चतुर्थी नवरात्रि की पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे।
ताकि आप इस दिन को सही तरीके से मनाएं और देवी भुवनेश्वरी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
माँ भुवनेश्वरी का महत्व:
माँ भुवनेश्वरी देवी का स्वरूप अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली है।
वे समस्त संसार की रचनाकार और पालनकर्ता हैं।
माँ भुवनेश्वरी की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।
उनकी उपासना से हर व्यक्ति के जीवन में शांति, संतुलन और सकारात्मकता का वास होता है।
माँ भुवनेश्वरी को तीन रूपों में पूजा जाता है: रचनात्मकता, संरचना, और संरक्षण।:
पूजा विधि(चतुर्थी नवरात्रि पूजा विधि)
- स्नान और स्वच्छता:
पूजा से पहले अच्छे से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। शुद्धता से ही पूजा का फल प्राप्त होता है। - पूजा स्थल और देवी की प्रतिमा:
पूजा स्थल को शुद्ध रखें और माँ भुवनेश्वरी की एक सुंदर प्रतिमा या चित्र वहां रखें। ध्यान रखें कि यह स्थान शांत हो और कहीं से भी विघ्न न हो। - दीप और धूप:
पूजा स्थान पर दीपक और धूप अवश्य जलाएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और देवी के प्रति श्रद्धा व्यक्त होती है। साथ ही, माँ भुवनेश्वरी को लाल, सफेद या पीले फूल अर्पित करें। - मंत्र का जाप:
पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ भुवनेश्वरी महाक्रूरी स्वाहा”
“ॐ ह्लीं भुवनेश्वरी नमः”
इन मंत्रों का जाप 108 बार करें और मानसिक शांति प्राप्त करें।
- फल, फूल और नैवेद्य:
पूजा के दौरान ताजे फल, मिठाई और पुष्प चढ़ाएं। साथ ही, घी का दीपक और कपूर जलाएं, ताकि वातावरण पवित्र हो। - विशेष मुहूर्त:
चतुर्थी नवद्रात्रि के दिन पूजा का विशेष मुहूर्त होता है। सुबह और शाम के समय पूजा करना अत्यधिक फलदायी होता है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से अधिक प्रभाव मिलता है।
माँ भुवनेश्वरी के मंत्र:
माँ भुवनेश्वरी के मंत्रों का जाप विशेष रूप से जीवन में सुरक्षा और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है।
इनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की हर चिंता दूर हो जाती है और जीवन में शांति का वास होता है:
माता के मंत्र “ॐ भुवनेश्वरी महाक्रूरी स्वाहा”
“ॐ ह्लीं भुवनेश्वरी नमः”
“ॐ सौम्यायै नमः”
इन मंत्रों का जाप 108 बार करें। यह मंत्र माँ भुवनेश्वरी के आशीर्वाद को प्राप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
चतुर्थी नवरात्रि के विशेष मुहूर्त:
पूजा का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है।
चतुर्थी नवद्रात्रि में प्रातःकाल और सांध्य समय पूजा के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं।
विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करने से देवी भुवनेश्वरी का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।
इस समय की गई पूजा से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
चतुर्थी नवरात्रि माँ भुवनेश्वरी के आशीर्वाद से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
सही पूजा विधि, मंत्रों का जाप और विशेष मुहूर्त का पालन करके आप माँ भुवनेश्वरी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
इस दिन की पूजा से जीवन में संतुलन और सुरक्षा का वास होता है।
आप इस दिन पूजा विधि का पालन करके हर मुश्किल को पार कर सकते हैं और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं।
पांचवां नवरात्रि माँ छिन्नमस्ता की पूजा विधि जानने के लिए 👈यहां क्लिक करें
FAQs (Frequently Asked Questions)
- माँ भुवनेश्वरी की पूजा कब की जाती है?
माँ भुवनेश्वरी की पूजा चौथी नवद्रात्रि के दिन की जाती है। यह दिन माँ भुवनेश्वरी की उपासना के लिए समर्पित है और इस दिन विशेष रूप से उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की विधि होती है।
- माँ भुवनेश्वरी कौन हैं और उनका महत्व क्या है?
माँ भुवनेश्वरी को पृथ्वी और ब्रह्मांड की देवी माना जाता है। वे विश्व की संरक्षिका, पालनकर्ता और शांति की देवी हैं। उनकी पूजा से संसार में शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। वे सृष्टि के समस्त संकटों से मुक्ति दिलाने वाली देवी मानी जाती हैं।
- माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि क्या है?
माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि में सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध करें। फिर माँ भुवनेश्वरी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक, अगरबत्ती और फूल अर्पित करें। पूजा करते समय निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ भुवनेश्वरी स्वाहा”
“ॐ सर्वेश्वरी महेश्वरी स्वाहा”
इसके बाद, पूजा में फल, मिठाई और अन्य भोग अर्पित करें। पूजा के अंत में माँ के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करें।
- माँ भुवनेश्वरी के कौन से मंत्र जाप करने चाहिए?
माँ भुवनेश्वरी के प्रमुख मंत्रों का जाप बहुत शुभ होता है। निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ भुवनेश्वरी स्वाहा”
“ॐ सर्वेश्वरी महेश्वरी स्वाहा”
इन मंत्रों का जाप घर में सुख-शांति लाने, घर की सुरक्षा और समृद्धि के लिए किया जाता है। इसके साथ ही, इस मंत्र का जाप मानसिक शांति और भौतिक सुख भी प्रदान करता है।
अन्य प्रश्न
- चौथी नवरात्रि के दिन कौन से विशेष मुहूर्त होते हैं?
चौथी नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 6 बजे तक) और संध्याकाल का समय (शाम को 6 बजे से 7:30 बजे तक) पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस समय में पूजा करने से माँ भुवनेश्वरी का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।
- क्या पूजा के दौरान विशेष व्रत रखना चाहिए?
जी हां, पूजा के दौरान उपवास रखना विशेष रूप से लाभकारी होता है। उपवास से मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है और व्यक्ति पूजा में अधिक ध्यान केंद्रित कर सकता है। यह माँ भुवनेश्वरी के आशीर्वाद को प्राप्त करने का उत्तम तरीका है।
- क्या माँ भुवनेश्वरी की पूजा से विशेष लाभ मिलता है?
माँ भुवनेश्वरी की पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
साथ ही, यह पूजा मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्रदान करती है।
किसी भी प्रकार की बाधाओं और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
entertainment and educational channel idyllic roots – Just Click Here to watch
Devotional Videos must visit our Divine Channel idyllic Sandhya To Watch Video Click Here