
गुप्त नवरात्रि 2025 का यह शुभ अवसर उन लोगों के लिए बहुत खास होता है, जो अपने जीवन में धन, समृद्धि और inner peace की कामना करते हैं। मेरी एक प्यारी सखी सोनल ने जब पहली बार मुझे माँ तारा देवी की पूजा विधि और उनकी hidden शक्ति के बारे में बताया, तब मैं life की financial परेशानियों और mental stress से घिरी हुई थी। मुझे शुरुआत में trust नहीं था, लेकिन जब मैंने पूरे faith और discipline के साथ पूजा की, तो एक अलग ही confidence और divine energy का अनुभव हुआ। सच कहूँ तो माँ तारा देवी की कृपा से सब कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा।
गुप्त नवरात्रि की द्वितीया तिथि मेरे लिए हमेशा से बहुत खास रही है। इस दिन जब मैंने पहली बार माँ तारा देवी की साधना शुरू की थी, तब मेरे मन में डर और असमंजस भरा हुआ था। लेकिन जैसे ही मैंने आँखें बंद कीं और माँ का ध्यान करना शुरू किया, एक अलग ही energy महसूस हुई — जैसे कोई मुझे अंदर से संभाल रहा हो।
इस दिन की पूजा साधक को न सिर्फ बाहरी संसार से जोड़ती है, बल्कि inner self से मिलने का रास्ता भी खोलती है। मेरी एक सखी सोनल ने सही कहा था — “माँ तारा सिर्फ सुनी नहीं जातीं, वो महसूस होती हैं।”
द्वितीया तिथि पर की गई साधना से मन शांत होता है, और भीतर एक clear direction मिलती है — जैसे जीवन की उलझनों के बीच कोई softly कह रहा हो, “तू अकेली नहीं है, मैं तेरे साथ हूँ।” मुझे लगता है, अगर कोई इस दिन सच्चे मन से माँ तारा का ध्यान करे, तो वो ना सिर्फ emotional healing पा सकता है, बल्कि ज़िंदगी में clarity और confidence भी आ सकता है।
Suggestion मेरी तरफ से:
अगर आप भी इस द्वितीया पर पूजा करने जा रहे हैं, तो पूजा से पहले खुद को थोड़ी देर चुपचाप बैठने दें। बिना किसी mantra या नियम के — बस माँ से दिल की बात कहिए। यही connection असली है। यही माँ की है।
माँ तारा देवी का स्वरूप:
माँ तारा देवी का स्वरूप जितना रहस्यमय है, उतना ही करुणामय भी। जब मैंने पहली बार माँ की प्रतिमा देखी थी, तो उनके नेत्रों में कुछ ऐसा था जो सीधा दिल को छू गया। वो आँखें जैसे मुझे देख रही थीं — मेरे अंदर के दर्द, डर और टूटन को पढ़ रही थीं। उनका स्वरूप गहरा नीला, केश खुले हुए, और मुख पर अद्भुत तेज… और साथ ही एक माँ वाली ममता।
माँ तारा को fear destroyer भी कहा जाता है, क्योंकि उनका स्वरूप ही नकारात्मकता को जलाने वाला है। एक हाथ में खड्ग, एक में खप्पर, और फिर भी चेहरे पर शांति — यही तो उनकी uniqueness है। मुझे लगता है, माँ तारा हमें सिखाती हैं कि inner strength का मतलब क्रोध नहीं, बल्कि सच्चाई और धैर्य होता है।
जब भी मैं अपने जीवन में खो जाती हूँ, तो माँ का ध्यान करते हुए एक बात बार-बार याद आती है — “अगर सबने मुँह मोड़ लिया, तो भी माँ तारा साथ नहीं छोड़ेंगी।” यही सोच मेरे लिए सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है।
मेरी सच्ची भावना:
अगर आप कभी अकेले महसूस करें, डरें, या confusion में हों, तो बस माँ तारा की तस्वीर के सामने बैठ जाइए। उनसे कुछ माँगिए नहीं… बस उन्हें महसूस कीजिए। उस moment में जो inner vibration आएगी, वही माँ हैं।
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माँ तारा देवी का रहस्यमयी रूप
बहुत कम लोग जानते हैं कि माँ तारा देवी को त्रिकुटा माता के नाम से भी पुकारा जाता है। वे न सिर्फ देवी दुर्गा और माँ काली का अंश हैं, बल्कि उनकी ऊर्जा में एक अलग ही रहस्य और करुणा समाई होती है। माँ के चार हाथ होते हैं — जिनमें से एक में तलवार है, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे में पंखी, और चौथा हाथ आशीर्वाद देने के लिए सदैव खुला रहता है।
मुझे उनकी सबसे खास बात यह लगती है कि उनका स्वरूप गहरे हरे रंग का होता है — जो growth, healing, और prosperity का प्रतीक है। माँ तारा सिर्फ शक्ति की देवी नहीं, बल्कि वो knowledge भी देती हैं जो हमें सही निर्णय लेने की समझ दे सके।
जब मैंने पहली बार माँ की हरे रंग की मूर्ति देखी, तो मुझे instantly एक शांत सी feeling आई — जैसे किसी ने थाम लिया हो मुझे अंदर से। वो आँखें, वो तेज, और फिर भी इतना अपनापन — यही है माँ का असली स्वरूप।
अगर आप भी Gupt Navratri 2025 में माँ तारा की सच्चे मन से पूजा करें, तो आप न केवल बाहरी संसार में सफलता पाएंगे, बल्कि आपके अंदर का डर, असमंजस और निराशा भी माँ की कृपा से dissolve हो जाएगा।
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माँ तारा की पूजा विधि
अगर कोई मुझसे पूछे कि माँ तारा देवी की कृपा कैसे पाई जा सकती है, तो मैं सबसे पहले यही कहूँगी — श्रद्धा और सच्चे मन से की गई पूजा ही सबसे बड़ा मंत्र है। मैंने खुद Gupt Navratri में माँ की पूजा करके महसूस किया है कि उनका आशीर्वाद न सिर्फ जीवन को बदलता है, बल्कि आत्मा को भी heal करता है।
1. स्नान और स्वच्छता:
पूजा से पहले body और mind — दोनों की शुद्धि ज़रूरी है। स्नान करें और फिर साफ़, preferably white या light-colored वस्त्र पहनें। मन शांत रखें और माँ को मन में स्मरण करते हुए पूजा स्थान पर जाएं।
2. स्थल चयन और पूजा का स्थान:
एक शांत, स्वच्छ और vibration-filled कोना चुनिए, जहाँ किसी का आना-जाना कम हो। वहाँ माँ तारा देवी की तस्वीर या छोटी सी प्रतिमा रखें। मैंने अपनी पूजा की शुरुआत हमेशा घर के उत्तर-पूर्व दिशा में की है — वहाँ एक अलग ही energy महसूस होती है।
3. दीप और धूप:
पूजा स्थल पर घी का दीपक जलाएं और साथ में धूप भी लगाएं। माँ तारा को लाल या हरे रंग के ताजे फूल बहुत प्रिय होते हैं। जब वो फूल माँ के चरणों में रखते हैं, तो दिल से एक connection बनता है जो शब्दों से परे होता है।
4. माँ तारा देवी का मंत्र जाप:
पूरे श्रद्धा और भावना से नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें —
“ॐ तारे तुत्तारे तुरे स्वाहा”
ये मंत्र माँ तारा की शक्ति से सीधा जुड़ाव बनाता है। मेरा अनुभव है कि जब भी मैंने इस मंत्र का जाप आँखें बंद कर के किया है, मेरे अंदर एक अलग ही calmness और clarity महसूस हुई है।
5. फल, फूल और नैवेद्य:
माँ तारा देवी को पूजा के समय फल, मिठाई, ताजे फूल और नैवेद्य अर्पित करें। साथ ही एक घी का दीपक और कपूर अवश्य जलाएं — इससे वातावरण divine और शुद्ध हो जाता है।
6. विशेष मुहूर्त:
Gupt Navratri की द्वितीया तिथि को विशेष माना गया है। इस दिन यदि आप पूजा का सही समय जानकर माँ का ध्यान करते हैं, तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। मैं हमेशा Sunrise के बाद का समय चुनती हूँ — जब सब कुछ शांत होता है और मन एकदम स्थिर।
💫 मेरा छोटा सा सुझाव:
पूजा सिर्फ नियमों से नहीं होती, वो भाव से होती है। अगर किसी दिन विधि पूरी न हो पाए, तो भी माँ को सच्चे दिल से पुकारिए… माँ तारा सिर्फ विधि नहीं, भावना से प्रसन्न होती हैं।
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माँ शीतला की पूजा केवल परंपरा नहीं, बल्कि शुद्धि, स्वास्थ्य और रक्षा की कामना है।
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हर घर में शांति और स्वास्थ्य का आशीर्वाद पाने के लिए यह व्रत बेहद खास है।
माँ तारा देवी के मंत्र: शांति और समृद्धि की कुंजी
जब भी मेरा मन अशांत होता है या जीवन की उलझनों में खुद को खोया हुआ पाती हूँ, तो मैं बस कुछ देर के लिए आँखें बंद करके माँ तारा देवी का स्मरण करती हूँ। उनका नाम ही ऐसा है जो दिल को instantly calm कर देता है।
माँ तारा देवी के कई शक्तिशाली मंत्र हैं, जिन्हें नियमित रूप से जपने से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में धीरे-धीरे सकारात्मक energy और समृद्धि का flow शुरू होता है।
🔱 प्रमुख मंत्र:
- “ॐ तारे तुत्तारे तुरे स्वाहा”
यह माँ तारा का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली बीज मंत्र है। इसका जाप करने से fear, anxiety और confusion धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं। - “ॐ तारायै नमः”
जब मन बहुत भारी हो और words ना मिलें, तब ये मंत्र आत्मा से सीधा जुड़ता है। इसका उच्चारण बेहद आसान है, लेकिन प्रभाव बहुत गहरा। - “ॐ ह्लीं तारा आयें स्वाहा”
यह मंत्र माँ तारा की कृपा पाने के लिए बेहद उपयुक्त माना गया है। खासकर जब आप clarity और protection दोनों चाहते हों।
इन सभी मंत्रों का जाप 108 बार माला के साथ करें। मैंने अनुभव किया है कि जब मन से हर शब्द माँ को समर्पित होता है, तो vibrations अंदर तक उतरती हैं। वो moment बस शब्दों से परे होता है।
✨ मेरा सुझाव:
अगर आप शुरुआत कर रहे हैं और पूरा 108 बार जाप करना संभव न हो, तो कम से कम 11 बार श्रद्धा से करें। मंत्र की शक्ति संख्या से नहीं, भाव से काम करती है। और हाँ, जाप करते समय mobile या किसी distraction से दूर रहें — बस माँ और आप।
🌿 सावन केवल भक्ति का नहीं, खुद से प्रेम करने का भी समय है।
माँ की आराधना तभी पूर्ण होती है जब हम खुद की देखभाल करना भी जानें।
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आध्यात्मिक ऊर्जा और तन-मन की शुद्धि के लिए ज़रूरी है खुद से जुड़ना।
🌺 आरती से पूर्व भावमय वंदना 🌺
जब जीवन में अंधकार छा जाए, जब राहें अनजानी लगें,
जब मन व्याकुल हो और दिशा न मिले —
तब माँ तारा की कृपा ही वह दीप बनती है,
जो हमारे भीतर प्रकाश भर देती है।
माँ तारा, जो ब्रह्मांड की करुणा और शक्ति का संगम हैं,
जो दु:ख को हर लेती हैं और
भक्तों को भय, शोक और भ्रम से मुक्त करती हैं —
उन्हीं के चरणों में अपना मन समर्पित करते हुए
आइए, हम श्रद्धा और प्रेम से करें
माँ तारा देवी की आरती।
🌺 माँ तारा देवी की आरती 🌺
(स्वर में गाई जा सकती है – “जय अम्बे गौरी…” की धुन पर या अपने अनुसार)
जय तारा माँ, अंजनी दुलारी,
हरो विपत्ति, दुःख की हारी।
शरण में आए जो भी तेरा,
उसको न दुख ने फिर छूआ दोबारा॥
शक्ति रूप, करुणा की धारा,
हर घड़ी तू रखे सहारा।
हर हर में बसी है तारा,
भक्तों की तू है जगत उजियारा॥
हर हाथ में शस्त्र उठाए,
अधर्म पे प्रहार कराए।
भवसागर से पार कराए,
सच्चे मन से जो गुण गाए॥
हरी वेश में रूप तिहारा,
दिखती है माँ, प्रेम अपारा।
ज्ञान, भक्ति, शक्ति की मूरत,
तू ही है भव में सत्य सूरत॥
दीप जलाएं तेरे द्वारे,
भजन करें मन से पुकारे।
माँ तारा हम सबकी नैया,
कर दे पार, बस तेरी माया॥
🔔 जय जय तारा भवानी माता,
सदा रहो तुम जीवन साथा।
तेरे चरणों में सुख सारा,
जय माँ तारा, जय माँ तारा॥
🔥 क्या आपने पहले दिन की ये चूक तो नहीं कर दी?
गुप्त नवरात्रि में पहला दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है – माँ की कृपा उसी क्षण से बरसने लगती है।
👉 पहले दिन की चूक जानें और समय रहते सावधान हो जाएं – यहाँ पढ़ें
कभी-कभी एक छोटी सी गलती पूरे नौ दिनों की साधना पर भारी पड़ सकती है।
🌼 माँ तारा देवी का चमत्कारी संरक्षण 🌼
ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से माँ तारा देवी का स्मरण करता है, उसकी हर समस्या का समाधान अपने आप मिलने लगता है। माँ तारा देवी सिर्फ एक शक्ति नहीं, बल्कि एक माँ हैं — जो अपने बच्चों को अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाती हैं। जीवन में जब सब राहें बंद हो जाएं, तब माँ तारा की कृपा अकल्पनीय मार्ग खोल देती है। यही कारण है कि गुप्त नवरात्रि में माँ तारा की पूजा करने से आध्यात्मिक शक्ति, मानसिक स्थिरता और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है। अगर आप जीवन में एक नया अध्याय शुरू करना चाहते हैं, तो माँ तारा की आराधना से बेहतर शुरुआत और कुछ नहीं हो सकती।
🙏 FAQs – माँ तारा देवी से जुड़े कुछ भावनात्मक प्रश्न
Q1. क्या मैं माँ तारा देवी की पूजा बिना किसी विधि-विधान के भी कर सकती हूँ?
हाँ, बिल्कुल कर सकती हो। माँ दिल का भाव देखती हैं, नियम नहीं। अगर मन सच्चा है, आँखों में श्रद्धा है, तो माँ तारा को बस तुम्हारा नाम लेना भी प्रिय है। बस एक “ॐ तारायै नमः” सच्चे मन से बोल दो — माँ सब सुनती हैं।
Q2. गुप्त नवरात्रि में माँ तारा देवी की पूजा क्यों की जाती है?
क्योंकि गुप्त नवरात्रि में की गई साधना सीधी माँ के हृदय तक पहुँचती है। यह समय आत्मा और शक्ति के बीच गहरा संबंध बनाने का होता है। इस दौरान माँ तारा की पूजा से अद्भुत ऊर्जा, आत्मबल और रहस्यमयी सुरक्षा मिलती है।
Q3. क्या माँ तारा की कृपा से डर और चिंता भी दूर हो सकते हैं?
हाँ, बिल्कुल। माँ तारा खुद वो माँ हैं जो अंधकार में रोशनी बनकर आती हैं। उनके नाम का जाप करते ही दिल को अजीब सी शांति मिलती है। डर जैसे गलता है, और मन किसी माँ की गोद में चैन पाता है।
Q4. क्या मैं रोज़ आरती नहीं कर पाऊँ तो भी माँ नाराज़ होंगी?
नहीं, माँ कभी नाराज़ नहीं होतीं। वो तो बस तुम्हारा ध्यान चाहती हैं, तुम्हारा मन। चाहे एक दिन करो, चाहे रोज़ — जब भी करो, दिल से करो। माँ को दिखावा नहीं, अपनापन चाहिए।
Q5. क्या बच्चों या घर के किसी सदस्य के लिए माँ तारा देवी से कुछ माँग सकती हूँ?
हाँ, ज़रूर माँग सकती हो। माँ तारा सबकी हैं। वो हर उस दिल की सुनती हैं जो औरों के लिए दुआ करता है। माँ की गोद में माँगी गई दुआ कभी खाली नहीं जाती।
🌿 सावन का महीना और शिव भक्ति का जादू…
क्या आप जानते हैं कि केवल शिव नाम का जप भी जीवन की कई उलझनों को सुलझा सकता है?
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हर ‘ॐ नमः शिवाय’ में छुपा है एक नया उजाला…
🌺 निष्कर्ष – माँ तारा की गोद में सुकून 🌺
जब ज़िंदगी की उलझनों में रास्ता न दिखे, जब मन डगमगाने लगे और आत्मा थक जाए — तब माँ तारा का स्मरण करना खुद से मिलने जैसा होता है।
वो माँ हैं जो रोते हुए मन को चुप कराना जानती हैं।
वो शक्ति हैं जो डर को ताक़त में बदल देती हैं।
माँ तारा देवी की पूजा कोई कर्मकांड नहीं, एक आत्मीय संवाद है।
एक प्यारी सी पुकार — “माँ!” — और माँ तारा दौड़ी चली आती हैं।
उनका नाम लेने से जो ऊर्जा मिलती है, वो ना तो किताबों में मिलती है, ना ही भाषणों में।
वो तो दिल की श्रद्धा और आँखों की नमी में बसती है।
अगर तुम कभी अकेले महसूस करो, तो बस माँ तारा का नाम लो —
तुम्हें एहसास होगा, तुम कभी अकेले थे ही नहीं।
माँ तारा हमेशा से थीं, हैं और रहेंगी — एक अदृश्य सुरक्षा कवच बनकर।
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