Jaya Ekadashi 2025 हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो पापों का नाश करने और मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है। यह व्रत माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। जो भी श्रद्धा से यह व्रत करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है और वह वैकुंठ धाम का अधिकारी बनता है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे:
Jaya Ekadashi 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस व्रत का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व
पूजा विधि, व्रत के नियम और क्या करें, क्या न करें?
जया एकादशी 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
तारीख: 8 फरवरी 2025 (शनिवार)
एकादशी तिथि प्रारंभ: 8 फरवरी 2025 को प्रातः 04:12 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 9 फरवरी 2025 को प्रातः 02:45 बजे
पारण का समय: 9 फरवरी 2025 को प्रातः 06:45 से 08:30 बजे तक
(सटीक समय अपने स्थान के अनुसार पंचांग में देखें।)
जया एकादशी व्रत का महत्त्व
इसे करने से ब्रह्म हत्या जैसे महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मोक्ष का द्वार खुलता है।
जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और समृद्धि आती है।
सभी पित्र दोष और ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं।
जया एकादशी 2025 की पूजा विधि
अगर आप Jaya Ekadashi 2025 का व्रत पूरी श्रद्धा से करना चाहते हैं, तो इन नियमों का पालन करें:
🔹 व्रत की शुरुआत ऐसे करें
व्रत से एक दिन पहले (दशमी तिथि) सात्विक भोजन करें।
व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पीले फूल, तुलसी पत्र, चंदन और फल चढ़ाएं।
🔹 पूजा विधि
भगवान विष्णु की मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से स्नान कराएं।
धूप-दीप जलाकर विष्णु सहस्रनाम या विष्णु चालीसा का पाठ करें।
गरीबों को अन्न, वस्त्र और दान करें।
🔹 व्रत का पारण (उपवास तोड़ने का तरीका)
द्वादशी तिथि (अगले दिन) सुबह पारण करें।
सबसे पहले गाय, ब्राह्मण, और जरूरतमंदों को भोजन कराएं।
तुलसी जल ग्रहण करके उपवास समाप्त करें।
जया एकादशी व्रत: क्या करें और क्या नहीं?
✅ क्या करें?
इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान और पूजा करें।
व्रत में फलाहार लें और सात्विक भोजन करें।
ग़रीबों को भोजन कराएं और दान करें।
पूरे दिन सकारात्मक विचार रखें और गलत कार्यों से बचें।
❌ क्या नहीं करें?
इस दिन अनाज और मसालेदार भोजन न खाएं।
गुस्सा, झगड़ा या किसी का अपमान न करें।
तामसिक भोजन (मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज) का सेवन न करें।
किसी जरूरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं।
जया एकादशी व्रत की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, स्वर्गलोक में एक अप्सरा और गंधर्व ने एक गलती की, जिससे वे राक्षस योनि में जन्मे। लेकिन Jaya Ekadashi का व्रत करने से उन्होंने अपना पूर्व जन्म सुधार लिया और स्वर्ग में वापसी की। यह कथा हमें बताती है कि यह व्रत हमारे जीवन को पवित्र और सफल बना सकता है।
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FAQs – जया एकादशी 2025 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
❓ 1. जया एकादशी 2025 का उपवास कैसे रखें?
✅ व्रत वाले दिन बिना अनाज का भोजन करें, भगवान विष्णु की पूजा करें और जरूरतमंदों को दान दें।
❓ 2. जया एकादशी को क्या खाना चाहिए?
✅ फल, दूध, साबूदाना, सिंघाड़े का आटा, मूंगफली, मखाने आदि खा सकते हैं।
❓ 3. क्या एकादशी व्रत में पानी पी सकते हैं?
✅ हां, लेकिन निर्जला व्रत रखने वाले जल का भी त्याग करते हैं।
❓ 4. क्या जया एकादशी 2025 में नॉनवेज खा सकते हैं?
❌ बिल्कुल नहीं! इस दिन तामसिक भोजन वर्जित होता है।
❓ 5. क्या जया एकादशी को सो सकते हैं?
❌ रात में सोने की बजाय जागरण और भजन-कीर्तन करना ज्यादा फलदायी होता है।
निष्कर्ष
Jaya Ekadashi 2025 का व्रत न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। यह व्रत पापों को नष्ट करता है, मोक्ष प्रदान करता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद दिलाता है। अगर आप सुख, शांति और समृद्धि चाहते हैं, तो इस पावन दिन व्रत जरूर करें।
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