आठवीं नवरात्रि का दिन माँ बगलामुखी की पूजा के लिए समर्पित है। माँ बगलामुखी शक्ति, विजय और शत्रु नाश की देवी मानी जाती हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में आने वाली हर कठिनाई, शत्रु और विघ्न दूर होते हैं। इस दिन की पूजा विधि और मंत्रों का विशेष महत्व है।
इस ब्लॉग में हम आपको आठवीं नवरात्रि के दिन माँ बगलामुखी की पूजा विधि, मंत्र और उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे आप माँ का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
माँ बगलामुखी का महत्व:
माँ बगलामुखी का रूप अत्यंत शक्तिशाली और उग्र होता है।
बगलामुखी का नाम उनके दिव्य रूप को दर्शाता है।
जो शत्रुओं को परास्त करने और संकटों को दूर करने में सहायक होती हैं।
बगलामुखी देवी का आशीर्वाद शत्रु नाश, मानसिक शांति और विजय की प्राप्ति में मदद करता है।
जो लोग जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं, उन्हें माँ बगलामुखी की पूजा से विशेष लाभ मिलता है।
पूजा विधि(आठवीं नवरात्रि पूजा विधि)
- स्नान और स्वच्छता:
पूजा से पहले स्नान करना और स्वच्छ वस्त्र पहनना अनिवार्य है। इससे शरीर और मन दोनों की पवित्रता बनी रहती है। - पूजा स्थल और देवी की प्रतिमा:
पूजा स्थल को पवित्र और स्वच्छ रखें। माँ बगलामुखी की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और वहां दीपक और धूप लगाएं। - दीपक और धूप:
पूजा के दौरान दीपक और धूप जलाना आवश्यक है, ताकि पूजा का वातावरण शुद्ध हो और देवी का आशीर्वाद जल्दी प्राप्त हो। - मंत्र का जाप:
माँ बगलामुखी के लिए निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
“ॐ बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय वशीकुरु च स्वाहा”
“ॐ बगलामुखि महाक्रूरी वशीकुरु च स्वाहा”
इन मंत्रों का जाप 108 बार करें, जिससे मानसिक शक्ति और विजय प्राप्त होती है।
- फल, फूल और नैवेद्य:
पूजा के दौरान ताजे फल, मिठाई और फूल अर्पित करें। विशेष रूप से, पीले रंग के फूल और ताजे फल माँ बगलामुखी को अर्पित करना शुभ माना जाता है। - विशेष मुहूर्त:
आठवीं नवद्रात्रि की पूजा का सही समय जानना जरूरी है। ब्रह्म मुहूर्त और सांध्यकाल में पूजा करना सबसे प्रभावी होता है।
माँ बगलामुखी के मंत्र:
माँ बगलामुखी के मंत्रों का जाप विशेष रूप से शत्रु नाश और मानसिक शांति के लिए किया जाता है।
निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
माता के मंत्र “ॐ बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय वशीकुरु च स्वाहा”
“ॐ बगलामुखि महाक्रूरी वशीकुरु च स्वाहा”
“ॐ बगलामुखि विद्या वशीकुरु च स्वाहा”
इन मंत्रों का जाप करने से आपके जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।
आठवीं नवरात्रि के विशेष मुहूर्त:
इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त जानना जरूरी है।
ब्रह्म मुहूर्त और सांध्यकाल का समय पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
इन मुहूर्तों के दौरान पूजा करने से देवी का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है।:
निष्कर्ष
आठवीं नवरात्रि का दिन माँ बगलामुखी की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है।
इस दिन की पूजा विधि और मंत्रों का पालन करने से जीवन में शत्रु नाश, मानसिक शांति और सफलता प्राप्त होती है।
सही पूजा विधि से आप देवी के आशीर्वाद से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में बदल सकते हैं।
इस पूजा को सही तरीके से करके आप अपने जीवन में विजय और मानसिक शक्ति का अनुभव कर सकते हैं।
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FAQs (Frequently Asked Questions)
माँ बगलामुखी की पूजा कब होती है?
माता बगलामुखी की पूजा आठवीं नवद्रात्रि के दिन की जाती है।
यह दिन विशेष रूप से माँ बगलामुखी की उपासना के लिए समर्पित है। इस दिन पूजा से सभी प्रकार की विघ्न बाधाओं का नाश होता है और व्यक्ति को विशेष रूप से शत्रुओं से विजय प्राप्त होती है।
माँ बगलामुखी कौन हैं और उनका महत्व क्या है?
माता बगलामुखी देवी शक्ति का एक रूप हैं, जिन्हें शत्रु नाशक, सुख-शांति और विजय की देवी माना जाता है।
उनका नाम बगलामुखी का अर्थ होता है “जो मुंह पर विजय प्राप्त करती हैं”, और यह देवी विशेष रूप से मानसिक शांति, शत्रु पर विजय और दुष्टों से सुरक्षा प्रदान करती हैं।
उनकी पूजा से जीवन में आने वाली बाधाओं और संकटों से मुक्ति मिलती है।
बगलामुखी की पूजा विधि क्या है?
माँ बगलामुखी की पूजा विधि में सबसे पहले शुद्ध वातावरण तैयार करें।
पूजा स्थल पर माँ बगलामुखी की मूर्ति या चित्र रखें। फिर दीपक, अगरबत्ती, पीले फूल और फल अर्पित करें।
पूजा के दौरान निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
“ॐ बगलामुखि सर्वदुष्टानां वशीकुरुं स्वाहा”
इस मंत्र का जाप करते हुए आप माँ से शत्रुओं से सुरक्षा और बाधाओं से मुक्ति की प्रार्थना करें।
पूजा के बाद ताम्र पात्र में जल अर्पित करें और धन्यवाद अर्पित करें।
माँ बगलामुखी के कौन से मंत्र जाप करने चाहिए?
माँ बगलामुखी के मंत्रों का जाप शत्रु नाश और मानसिक शांति के लिए किया जाता है। प्रमुख मंत्र हैं:
“ॐ बगलामुखि सर्वदुष्टानां वशीकुरुं स्वाहा”
ॐ बगलामुखि महाशक्ति स्वाहा”
इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को शत्रुओं से विजय प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
अन्य प्रश्न
आठवीं नवरात्रि के दिन कौन से विशेष मुहूर्त होते हैं?
आठवीं नवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:30 से 6 बजे तक) और संध्याकाल का समय (शाम 6 बजे से 7:30 बजे तक) पूजा के लिए सर्वोत्तम होते हैं।
इन समयों में पूजा करने से देवी का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है और पूजा का प्रभाव बढ़ता है
क्या पूजा के दौरान विशेष व्रत रखना चाहिए?
जी हां, पूजा के दौरान उपवास रखना या संयमित आहार रखना अत्यंत लाभकारी होता है।
उपवास से व्यक्ति की मानसिक स्थिति शांत रहती है और वह पूजा के प्रति अधिक समर्पित रहता है। यह आस्था और शक्ति में वृद्धि करने का एक उत्तम तरीका है।
क्या माँ बगलामुखी की पूजा से विशेष लाभ मिलता है?
माँ बगलामुखी की पूजा से शत्रु नाश, बाधाओं का नाश और मानसिक शांति मिलती है।
यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो किसी तरह की शत्रुता, कानूनी मामले, या जीवन में रुकावटों का सामना कर रहे हैं। माँ के आशीर्वाद से व्यक्ति को जीवन में सफलता, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है।
आठवीं नवरात्रि की पूजा का महत्व क्या है?
आठवीं नवरात्रि माँ बगलामुखी की पूजा से शत्रु नाश और जीवन में रुकावटों का नाश होता है।
इस दिन की पूजा से व्यक्ति को विजय, मानसिक शांति, और सुरक्षा मिलती है। यह पूजा खासतौर पर उन लोगों के लिए है
जो अपने जीवन में शत्रुओं, विरोधियों या नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाना चाहते हैं।
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