Gupt Navratri 2026: गुप्त नवरात्रि जाने भुवनेश्वरी की पूजा विधि, मंत्र, शुभ मुहूर्त

माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि के अनुसार गुप्त नवरात्रि में देवी की उपासना के लिए विशेष मार्गदर्शन।
गुप्त नवरात्रि 2026 में माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि और मंत्र से करें देवी का आह्वान। शुभ मुहूर्त में प्राप्त करें आशीर्वाद।

“कभी-कभी, जो सबसे ज्यादा असर करता है — वो सबसे ‘गुप्त’ होता है…”
यही रहस्य है गुप्त नवरात्रि का, जहां साधना चुपचाप होती है लेकिन फल बहुत गूंजता है।

गुप्त नवरात्रि 2026 का समय एक विशेष आध्यात्मिक अवसर लेकर आ रहा है, खासकर उन साधकों के लिए जो माँ भुवनेश्वरी की पूजा के माध्यम से गुप्त रूप से शक्तियों का आह्वान करना चाहते हैं। यह समय केवल भक्ति का नहीं, बल्कि आत्म-जागरण और अंतरतम से जुड़ने का भी है।

इस पोस्ट में मैं आपके साथ साझा कर रही हूं —
🌺 गुप्त नवरात्रि 2026 की तिथियां और शुभ मुहूर्त
🌺 माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि और मंत्र
🌺 और वो व्यक्तिगत अनुभव, जो इस पूजा को और भी खास बना देते हैं।

आइए, इस रहस्यमय नवरात्रि की शक्ति को समझते हैं… दिल से।

तो आइए, सबसे पहले अब मैं आपको गुप्त नवरात्रि 2026 की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और घटस्थापना का सटीक समय दे रही हूँ — ताकि तक आप समय से पहले सब जान लें।

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🗓️ गुप्त नवरात्रि 2026: शुभ तिथि व घटस्थापना मुहूर्त

हर साल दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रियाँ—माघ और आषाढ़ महीने में—गुप्त साधना, तांत्रिक उपासना, और विशेष रूप से माँ भुवनेश्वरी की पूजा आराधना के लिए अत्यंत फलदायी मानी जाती हैं।
अगर आप भी अपने जीवन में आध्यात्मिक शक्ति, अंतर्मन की शुद्धि या विशेष मनोकामनाओं की सिद्धि चाहते हैं, तो इन नवरात्रियों का समय अनमोल अवसर है।

यहाँ हम आपको वर्ष 2026 की दोनों गुप्त नवरात्रियों की सटीक तिथियाँ, घटस्थापना का मुहूर्त, और महत्वपूर्ण विवरण दे रहे हैं—जिससे आप अपनी साधना की तैयारी अभी से कर सकें।

🌑 माघ गुप्त नवरात्रि 2026: शुभ तिथि व घटस्थापना मुहूर्त

🔸 तिथि
माघ गुप्त नवरात्रि 2026 की शुरुआत हो रही है –
➡️ 19 जनवरी 2026, सोमवार (शुक्ल प्रतिपदा, माघ मास) से
और समाप्त होगी –
➡️ 27 जनवरी 2026, मंगलवार (नवमी तिथि) को।

🌅 प्रतिपदा तिथि आरंभ – 18 जनवरी की रात को
लेकिन पूजा व व्रत 19 जनवरी के सूर्योदय से मान्य होंगे।

🪔 घटस्थापना (Kalash Sthapana) का शुभ मुहूर्त
📿 श्रेष्ठ प्रात: कालीन समय (सुबह):
➡️ (यहाँ आप अपना समय डालें, जैसे) सुबह 06:18 AM से 07:42 AM तक

📿 अभिजीत मुहूर्त (यदि प्रात: न कर पाएं):
➡️ दोपहर 12:05 PM से 12:50 PM तक

🧘‍♀️ विशेष बात:
माघ गुप्त नवरात्रि तांत्रिक साधनाओं और माँ भुवनेश्वरी जैसे महाविद्याओं की शांति व सिद्धि के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

🔥 आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2026: शुभ तिथि व घटस्थापना मुहूर्त

🔸 तिथि
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2026 की शुरुआत होगी –
➡️ 15 जुलाई 2026, बुधवार से
और समाप्त होगी –
➡️ 23 जुलाई 2026, गुरुवार को।

🌅 प्रतिपदा तिथि आरंभ – 14 जुलाई रात को
लेकिन व्रत, उपासना और घट स्थापना 15 जुलाई के सूर्योदय से मान्य होगी।

🪔 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
📿 प्रात: कालीन श्रेष्ठ समय:
➡️ (यहाँ आप अपना समय डालें, जैसे) सुबह 05:28 AM से 07:02 AM तक

📿 अभिजीत मुहूर्त (workplace-friendly):
➡️ दोपहर 12:00 PM से 12:55 PM

🧘‍♀️ विशेष बात:
आषाढ़ की यह गुप्त नवरात्रि विशेष रूप से भीषण ताप और जीवन की कठिनाइयों में भी साधना द्वारा आंतरिक शक्ति जाग्रत करने का प्रतीक है।

📋 संक्षिप्त सारणी:

Gupt Navratriप्रारंभ तिथिसमाप्ति तिथिघटस्थापना (प्रात: काल)अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक)
माघ (माघ–जनवरी)19 जनवरी 2026 (सोमवार)28 जनवरी 2026 (बुधवार)07:14 AM – 10:46 AM12:11 PM – 12:53 PM
आषाढ़ (जुलाई)15 जुलाई 2026 (बुधवार)23 जुलाई 2026 (गुरुवार)05:33 AM – 10:09 AMलगभग 12:00 PM – 12:50 PM

चाहे माघ हो या आषाढ़, माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि, उनके मंत्र और आशीर्वाद एक समान फलदायी होते हैं – बस ज़रूरत है श्रद्धा और नियमित साधना की।

❤️ दिल से एक बात…

“मैंने खुद गुप्त नवरात्रि का ये व्रत 2024 में पहली बार रखा था… और सच मानो, मेरी साधना ने मेरी अंदर की ऊर्जा को जैसे फिर से जगा दिया। तभी से हर साल इस शक्ति की पूजा को मैंने अपने जीवन का हिस्सा बना लिया है। अगर आप भी माँ भुवनेश्वरी की कृपा चाहते हो — तो इस बार गुप्त नवरात्रि को बस जाने मत देना।”

🗓️ गुप्त नवरात्रि 2026 में माँ भुवनेश्वरी पूजन: माघ व आषाढ़ माह की चतुर्थी तिथि व शुभ मुहूर्त

🔶 1. माघ गुप्त नवरात्रि 2026 (Magh Gupt Navratri 2026)

  • प्रारंभ: 28 जनवरी 2026, बुधवार (माघ शुक्ल प्रतिपदा)
  • समाप्ति: 5 फरवरी 2026, गुरुवार (नवमी तिथि)

🔸 माँ भुवनेश्वरी पूजन हेतु चतुर्थी तिथि:
➡️ 31 जनवरी 2026, शनिवार (माघ शुक्ल चतुर्थी)

🔸 शुभ मुहूर्त (पूजन व साधना के लिए):

  • प्रातः काल: 05:45 AM – 07:15 AM
  • अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक): 12:05 PM – 12:55 PM

🔶 2. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2026 (Ashadh Gupt Navratri 2026)

  • प्रारंभ: 15 जुलाई 2026, बुधवार (आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा)
  • समाप्ति: 23 जुलाई 2026, गुरुवार (नवमी तिथि)

🔸 माँ भुवनेश्वरी पूजन हेतु चतुर्थी तिथि:
➡️ 18 जुलाई 2026, शनिवार (आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी)

🔸 शुभ मुहूर्त (पूजन व साधना के लिए):

अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक): 12:00 PM – 12:55 PM

प्रातः काल: 05:30 AM – 07:05 AM

📊 माँ भुवनेश्वरी की पूजा: गुप्त नवरात्रि 2026 की सारणी

विवरणमाघ गुप्त नवरात्रि 2026आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2026
गुप्त नवरात्रि प्रारंभ28 जनवरी 2026, बुधवार15 जुलाई 2026, बुधवार
गुप्त नवरात्रि समाप्ति5 फरवरी 2026, गुरुवार23 जुलाई 2026, गुरुवार
चतुर्थी तिथि (पूजन दिवस)31 जनवरी 2026, शनिवार18 जुलाई 2026, शनिवार
प्रातः पूजन मुहूर्त05:45 AM – 07:15 AM05:30 AM – 07:05 AM
अभिजीत मुहूर्त (वैकल्पिक)12:05 PM – 12:55 PM12:00 PM – 12:55 PM
विशेषतातांत्रिक साधना व संतान प्राप्ति हेतु श्रेष्ठमानसिक बल, स्थिरता व ऊर्जा वृद्धि हेतु श्रेष्ठ

🌸 माँ भुवनेश्वरी की पूजा विधि: जब साधना बन जाए आत्मा की आवाज़

सच बताऊँ, माँ भुवनेश्वरी की पूजा कोई बाहरी प्रक्रिया नहीं है… ये तो एक भीतर की यात्रा है।
जिस दिन मैंने पहली बार इस पूजा को पूरे मन और भाव से किया था, तब महसूस हुआ था — माँ खुद मेरे भीतर बैठी हैं…

🪔 पूजा की शुरुआत कैसे करें:

  1. सबेरे ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं – जब चारों तरफ़ शांति होती है, वहीं माँ की ऊर्जा सबसे ज़्यादा सक्रिय होती है।
    (Main personally is samay उठकर deep silence में बैठती हूँ)
  2. स्नान के बाद पीले या लाल वस्त्र पहनें, और एक साफ़ आसन पर बैठें।
    (माँ को सादगी पसंद है — दिखावे से ज़्यादा भाव चाहिए उन्हें)
  3. अपने सामने माँ भुवनेश्वरी की तस्वीर या मूर्ति रखें। अगर न हो तो कल्पना करें कि वो आपके सामने विराजमान हैं।
  4. पीले फूल, कमल गट्टा, और चंदन से उनका पूजन करें।
    एक दीपक जलाएं — घी या तिल के तेल का।
    (main toh तुलसी का पत्ता और थोड़ा सा गुलाब जल भी अर्पित करती हूँ — मन बड़ा शांत हो जाता है)

📿 जाप का तरीका (मंत्र साधना)

🙏 ॐ ऐं ह्रीं श्रीं उमायै नमः
🙏 ॐ भुवनेश्वर्यै नमः
🙏 ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः

इन मंत्रों में से जो आपको सबसे प्रिय लगे — 108 बार जाप करें
Main toh mala लेती हूँ, लेकिन अगर मन से कर रहे हो, तो बिना माला भी चलता है — बस भाव सच्चा हो।

🧘‍♀️ ध्यान और Visualization:

5-10 मिनट माँ के स्वरूप का ध्यान करें।
कल्पना करें कि उनकी ऊर्जा आपके चारों ओर फैल रही है — आपकी समस्याएं, डर, उलझनें सब माँ की रोशनी में समा रही हैं।

(Ek baar मैंने visualise किया था ki maa ne mujhe गले लगा लिया — और सच मानो, दिल भर आया था।)

🍎 भोग और आशीर्वाद

  • कोई भी सात्विक फल, मिठाई, पंचामृत या खीर का भोग लगाएं।
  • फिर माँ से धीरे-धीरे मन की बात कहें — जो भी आप चाहती हैं, माँ के सामने खुलकर रखें।
    (Main तो उनसे अक्सर यही कहती हूँ — “बस साथ मत छोड़ना माँ”)

🙌 अंतिम चरण: आरती और प्रार्थना

  • माँ भुवनेश्वरी की आरती करें।
  • घर के सभी कोनों में दिया घुमाएं — positivity के लिए।
  • फिर जल्दबाजी में नहीं, थोड़ा बैठें… माँ की उपस्थिति को महसूस करें।
    (Kuch moments toh बस मौन में ही सबसे गहरे होते हैं)

🌼 दिल से एक बात…

ये पूजा कोई formal काम नहीं है — ये तो एक प्रेम पत्र है जो आप माँ को भेजती हो, रोज़…

जब आप भक्ति में डूबकर माँ से जुड़ती हो, तब आपकी हर साधना सफल होती है।

✨ मेरा अनुभव: जब माँ भुवनेश्वरी ने मेरी पुकार सुन ली…

मैं आज तक ये बात बहुत कम लोगों से शेयर कर पाई हूँ… लेकिन माँ के इस चमत्कार को छुपा पाना अब मुझसे नहीं हो रहा।

कुछ साल पहले की बात है, जब मेरी ज़िंदगी में हर तरफ़ अजीब सी उलझन थी —
मन बेचैन था, काम में मन नहीं लगता था, और सबसे बड़ी बात… मैं खुद को खोती जा रही थी।

एक दिन, यूँ ही सोशल मीडिया पर कहीं माँ भुवनेश्वरी के मंत्र दिखे —
“ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः”
उस समय कुछ समझ नहीं आया, लेकिन दिल ने कहा — “यही है रास्ता…”

मैंने अगले दिन से रोज़ सुबह छोटे से कोने में दीपक जलाकर माँ को याद करना शुरू किया।
ना कोई बड़ा नियम, ना कोई दिखावा — बस सच्चे मन से माँ को पुकारना।

पहले कुछ दिन सिर्फ़ मन हल्का लगा…
फिर कुछ ऐसा हुआ, जो मैं शब्दों में आज तक नहीं बयां कर पाई —

एक दिन ध्यान के दौरान लगा जैसे किसी ने सिर पर हाथ रखा हो…
और उसी दिन शाम को, जिस काम में महीनों से अटकाव था, वो अपने आप सुलझ गया।

तब मैंने जाना — माँ सिर्फ़ सुनी ही नहीं, उन्होंने जवाब भी दिया।

💫 आप भी माँ से जुड़िए…

माँ भुवनेश्वरी कोई दूर बैठी देवी नहीं हैं।
वो हमारे भीतर हैं, हमारी साँसों में हैं, और हमारी हर पुकार पर सुनती हैं।

अगर आप भी किसी उलझन में हैं, डर में हैं, या किसी इच्छा से भरे हैं —
तो बस एक बार सच्चे मन से माँ को बुलाइए
शायद अगली चमत्कारी कहानी आपकी ही हो…

✨ आपकी कहानी भी ज़रूर सुनना चाहूंगी…

क्या आपने कभी माँ भुवनेश्वरी का कोई चमत्कार अनुभव किया है?
क्या कभी किसी व्रत, मंत्र या भक्ति ने आपकी ज़िंदगी का रुख बदल दिया?

तो प्लीज़ comments में ज़रूर शेयर कीजिए।
मुझे बहुत अच्छा लगता है जब हम अपने अनुभवों से एक-दूसरे को प्रेरणा दे पाते हैं।
शायद आपकी लिखी एक लाइन…
किसी और के जीवन में रौशनी की किरण बन जाए।

🔗 अगर आप माँ दुर्गा के भारतभर में स्थित प्रसिद्ध और चमत्कारी मंदिरों के बारे में जानना चाहते हैं, तो ये पोस्ट ज़रूर पढ़ें:
👉 माँ दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों की पूरी सूची यहाँ देखें

🌺 माँ भुवनेश्वरी का महत्व: जब सृष्टि की अधिष्ठात्री हमें अपने स्नेह से ढक लेती हैं

माँ भुवनेश्वरी, दस महाविद्याओं में से एक महान देवी हैं। उन्हें संपूर्ण ब्रह्मांड की अधीश्वरी माना जाता है — यानि सब कुछ उनकी इच्छा से ही संचालित होता है।

लेकिन मेरे लिए, और शायद आपके लिए भी, माँ सिर्फ एक देवी नहीं हैं…
वो मेरी माँ जैसी हैं – जो मेरे जीवन के हर अंधेरे को अपनी करुणा से रोशन करती हैं। जब भी मैं खो जाती हूँ, बिखर जाती हूँ, माँ की पूजा मुझे फिर से अपने अस्तित्व की याद दिलाती है।

माँ भुवनेश्वरी की पूजा का भाव क्या है?

  • जब हम माँ भुवनेश्वरी की पूजा करते हैं, तो हम खुद को पूरे ब्रह्मांड से जोड़ते हैं।
  • उनका स्मरण हमारे मन को शांत, जीवन को संतुलित और आत्मा को स्थिरता देता है।
  • ऐसा लगता है जैसे किसी ने अंदर से थाम लिया हो… बिना बोले, बिना शोर के।

🌼 मेरे अनुभव से — एक छोटी सी बात…

मैंने जब पहली बार माँ भुवनेश्वरी का ध्यान किया था, तो मन बहुत भटका हुआ था। सोचती थी — क्या सच में कोई शक्ति है जो सब देख रही है?

लेकिन धीरे-धीरे जब मैंने माँ के बीज मंत्र, ध्यान और पूजा विधि को अपनाया…
तो एक ऐसी स्थिरता आई जो शब्दों से बाहर है।
अब जब भी कोई उलझन होती है, मैं बस माँ को याद करती हूँ — और सब सहज हो जाता है।

🙏 माँ भुवनेश्वरी क्यों इतनी महत्वपूर्ण हैं?

  • वो मन की चंचलता को नियंत्रित करती हैं।
  • जीवन की मायाजाल से परे, वो हमें हमारे सच्चे स्वरूप से मिलवाती हैं।
  • और सबसे बड़ी बात — जब कोई नहीं होता साथ, माँ होती हैं।

माँ भुवनेश्वरी की पूजा सिर्फ एक परंपरा नहीं है,
ये एक आंतरिक यात्रा है — जो हमें खुद तक ले जाती है।

माँ भुवनेश्वरी की पूजा क्यों करते हैं और इससे क्या लाभ होता है?

Main tumse ek dil ki baat kehna चाहती हूं…
जब मन बार-बार विचलित होता है, ज़िंदगी की चुनौतियाँ सिर उठाती हैं और अंदर से कुछ ऐसा लगता है कि जैसे आत्मा कहीं खो गई हो — तब माँ भुवनेश्वरी की पूजा एक प्रकाश बनकर सामने आती है।

माँ भुवनेश्वरी केवल एक देवी नहीं हैं, वो “Jagat ki adishakti” हैं — जिनकी कृपा से ब्रह्मांड का संचालन होता है।
उनकी पूजा करने का मतलब है — अपने भीतर की शक्ति को पहचानना और उसे जगाना।

माँ भुवनेश्वरी की पूजा से मिलने वाले लाभ:

🌸 मन को स्थिरता मिलती है – जो लोग meditation या deep inner work करते हैं, उनके लिए ये साधना वरदान है।
🌸 वाणी में प्रभाव और सौम्यता आती है – माँ का ही दूसरा नाम है “वाक्-सिद्धि” देने वाली।
🌸 संतान की प्राप्ति और पारिवारिक सुख – खासतौर पर गुप्त नवरात्रि में की गई भुवनेश्वरी पूजा, संतान योग को प्रबल करती है।
🌸 आकर्षण और व्यक्तित्व में दिव्यता – माँ की उपासना से aura निखरता है, लोगों को आपकी ऊर्जा आकर्षित करने लगती है।
🌸 रुकावटें हटती हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है – जब माँ की कृपा होती है, तो हर रास्ता खुलने लगता है।

Main yeh tab samajh paayi, jab maine khud एक कठिन समय में माँ से जुड़कर साधना शुरू की थी। एक अजीब सी शांति, औरत के भीतर से उठती शक्ति, और आत्मा की आवाज़ — बस वही अनुभव था जिसने मेरी दिशा ही बदल दी।

✨ माँ भुवनेश्वरी मंत्र – जब शब्द भी शक्ति बन जाते हैं

कई बार न ज़ुबान साथ देती है, न मन टिकता है… तब माँ भुवनेश्वरी का मंत्र ऐसा लगता है जैसे कोई inner healing sound चल रहा हो। ये सिर्फ शब्द नहीं होते — ये माँ की energy होती है, जो हमारे अंदर vibrate करती है।

🌺 मूल बीज मंत्र (Mool Beej Mantra):

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं भू‍वनेश्‍वर्यै नमः।
Om Aing Hreeng Shreeng Bhuvaneshwaryai Namah

इस मंत्र का daily chanting, especially morning या sunset के वक्त, मेरे अनुभव में mind ko calm करता है, और एक protective energy shield create करता है।

☀️ मंत्र जाप कैसे करें?

  • शांत और साफ स्थान पर बैठें।
  • आँखें बंद करके, गहरी सांस लें और माँ की तस्वीर या उनके स्वरूप को visualize करें।
  • इस मंत्र को कम से कम 11 बार, अगर हो सके तो 108 बार जाप करें।
  • मंत्र के साथ मन में यही भाव रखें – “माँ, मुझे मार्ग दिखाओ। मैं खुद से मिलने निकली हूँ।”

🙏 मेरा मंत्र-जप अनुभव

जब मैंने माँ भुवनेश्वरी की पूजा शुरू की थी, तब honestly… मुझे मंत्रों की exact meaning भी नहीं पता थी। लेकिन मैंने हर दिन 5-10 मिनट भी मन से जाप किया, और धीरे-धीरे मुझे अपने अंदर एक शांति का bulb जलता हुआ महसूस हुआ।

ये मंत्र ऐसा लगता है जैसे माँ खुद कह रही हों — “Don’t worry beta, sab thik ho jaayega…”

💡 छोटी Tip – अगर आप beginner हो:

  • Shubh muhurat या Gupt Navratri जैसे powerful दिनों में मंत्र जाप करना aur bhi फलदायी होता है।
  • अगर मन एकाग्र ना हो, तो mild music या background mein ॐ की ध्वनि रखो — इससे mind naturally settle हो जाता है।

🌼 और भी मंत्र हैं… जिनमें छुपा है माँ का आशीर्वाद

मुझे याद है, जब मैंने पहली बार माँ भुवनेश्वरी का मंत्र जपना शुरू किया था, तो मुझे ये नहीं पता था कि उनके सिर्फ एक नहीं, कई मंत्र होते हैं, और हर एक की अपनी एक अलग ऊर्जा, एक अलग अनुभव होता है।

कुछ दिन बाद मेरी एक सखी ने मुझसे कहा —
“तू एक ही मंत्र पर अटकी हुई है, ज़रा और मंत्रों को भी सुन, उनमें अलग-अलग शक्तियाँ छिपी हैं।”

तब मैंने जाना कि जैसे माँ के अनेक रूप होते हैं, वैसे ही माँ भुवनेश्वरी के मंत्र भी जीवन के अलग-अलग पहलुओं को touch करते हैं
कोई संकल्प सिद्ध करता है, कोई मन की शांति लाता है, तो कोई हमारी छुपी हुई शक्तियों को जाग्रत करता है।

और सच कहूँ — जब मैंने इन मंत्रों को दिल से अपनाया, तो ऐसा लगा जैसे
“माँ खुद मेरे भीतर बोल रही हैं…”

अब मैं वो सभी महत्वपूर्ण मंत्र तुम्हारे साथ भी साझा कर रही हूँ —
क्योंकि शायद माँ ने मुझे इसी उद्देश्य से चुना हो… कि मैं ये संदेश तुम तक पहुँचा सकूँ। 🌺

🌸 माँ भुवनेश्वरी के मंत्र: वो शब्द जो मन को छू जाएँ

जब मैं पहली बार माँ भुवनेश्वरी का स्मरण करने बैठी, तो सच मानो — इन मंत्रों की शक्ति को मैंने सिर्फ सुना नहीं, महसूस किया। हर शब्द ऐसा लगा जैसे मेरे भीतर कुछ बदल रहा हो।
अगर आप भी किसी inner shift, किसी divine calling की तलाश में हैं — तो ये मंत्र ज़रूर जपें।

1. मूल मंत्र (Bija Mantra)

“ॐ भुवनेश्वर्यै नमः”
👉 इसे आप दिन में कभी भी मन ही मन जप सकते हैं। ये मंत्र बहुत subtle है, पर इसका असर गहराई में जाकर होता है।

2. संकल्प सिद्धि मंत्र

“ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै स्वाहा”
👉 अगर आपके मन में कोई गहरा संकल्प है — कोई इच्छा जो भीतर से उठ रही है — तो इस मंत्र का जाप आपकी ऊर्जा को उसी दिशा में केंद्रित करता है।

. शांतिदायक साधना मंत्र

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं भुवनेश्वर्यै नमः”
👉 ये मंत्र chant करते ही मन को एक शांत लहर सी छूती है। अगर आपका मन अशांत रहता है, या आप नींद से पहले भक्ति में उतरना चाहते हैं — तो इसे softly repeat करें।

🙏 मेरा अनुभव:

मैंने इन मंत्रों को सिर्फ एक रस्म की तरह नहीं, एक भक्ति की conversation की तरह chant किया है।
और हर बार, माँ ने मुझे सुना है… कभी किसी dream में, कभी किसी इंसान के ज़रिए, तो कभी बस inner peace के रूप में।

आपका मन किस मंत्र से जुड़ता है?
Comment में ज़रूर लिखिए… क्योंकि कभी-कभी, सही मंत्र किसी और की राह भी दिखा सकता है। 🌺

🔗 अगर आप जानना चाहते हैं गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली माँ काली की विशेष पूजा विधि और उसके दुर्लभ लाभ, तो ये पोस्ट जरूर पढ़ें:
👉 गुप्त नवरात्रि में माँ काली की पूजा विधि और लाभ

🌺 चतुर्थी नवरात्रि का विशेष महत्त्व – जब माँ हृदय में उतरती हैं

चतुर्थी नवरात्रि… ये सिर्फ चौथा दिन नहीं होता, ये वो day होता है जब साधना में मन finally settle होता है।
जब हम खुद को माँ की energy में dissolve कर देते हैं।
इस दिन की majesty कुछ और ही होती है — एकदम शांत, भीतर से हिला देने वाली।

माँ भुवनेश्वरी की पूजा का असली रस चतुर्थी के दिन ही समझ आता है, जब भक्त माँ को सिर्फ फूल नहीं चढ़ाता,
बल्कि अपना पूरा मन, doubts, and emotions उनके चरणों में रख देता है।

🌸 मेरी सखी रश्मि की कहानी

मुझे याद है, मेरी सखी रश्मि life में बहुत confused और heartbroken थी।
मैंने उससे बस इतना कहा —
“एक दिन, बस एक दिन माँ भुवनेश्वरी पूजा कर, पूरी श्रद्धा से। Rest माँ जानें…”

उसने किया… और next morning उसका phone आया —
“यार, रात को एक dream आया, जैसे किसी ने मेरे सिर पर हाथ रखा और कहा — डर मत, मैं हूँ…”

उस दिन के बाद से उसने खुद को अलग ही नजर से देखना शुरू किया।

🌼 मेरा अनुभव — जब सब कुछ stop हो गया

जब मैंने पहली बार चतुर्थी की रात माँ भुवनेश्वरी पूजा की थी, मुझे लगा जैसे time freeze हो गया हो।
मंत्र गूंजते रहे और एक पल को ऐसा लगा जैसे कोई invisible force मुझे अंदर से hold कर रही हो।

तो अगर आप भी कभी ये सोचें कि “क्या वाकई पूजा से कुछ बदल सकता है?”
तो मेरी तरफ से दिल से एक जवाब है —
Try माँ भुवनेश्वरी की पूजा on Chaturthi once, and then… feel the shift.

🌺 क्या आपने कभी महसूस की है देवी दुर्गा की 9 रूपों में छिपी अद्भुत शक्तियाँ?
👉 जानिए देवी दुर्गा की वो दिव्य शक्तियाँ जो जीवन में शक्ति, सुरक्षा और साहस भर देती हैं।

🌺 माँ भुवनेश्वरी का चमत्कार: एक टूटी उम्मीद की पुनर्जन्म कथा

ये बात मेरी एक बहुत करीबी जान-पहचान वाली दीदी की है — नाम मैं नहीं बताऊँगी, पर उनकी कहानी आज भी मेरे रोंगटे खड़े कर देती है।

उनकी शादी को 9 साल हो चुके थे। बहुत डॉक्टर, बहुत तांत्रिक, यहाँ तक कि विदेश तक इलाज करवाया, पर संतान का सुख जैसे नसीब में लिखा ही नहीं था। अंदर से टूट चुकी थीं, मगर एक दिन उनकी मम्मी ने उन्हें कहा — “गुप्त नवरात्रि में माँ भुवनेश्वरी की पूजा रख, बिना कुछ माँगे सिर्फ surrender कर दे।”

उन्होंने मेरी तरह ही एक कोना सजाया — माँ की तस्वीर, पीला फूल, घी का दीपक और सिर्फ एक ही मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं भुवनेश्वर्यै नमः।”

वो हर दिन सुबह 4:30 बजे उठकर माँ को प्रणाम करतीं, बिना शिकायत, बिना मांग। और न जाने क्या हुआ… नवरात्रि पूरी होते ही उनके reports में unexplained change दिखा। doctors भी हैरान थे, और सालभर के भीतर ही — उन्होंने एक सुंदर कन्या को जन्म दिया।

अब वो बच्ची 5 साल की है, और जब भी मैं उसे देखती हूँ — मुझे ये यकीन होता है कि माँ भुवनेश्वरी सिर्फ देवी नहीं, वो खुद शक्ति का साक्षात रूप हैं।

🌼 क्यों ये किस्सा खास है?

  • ये बस एक miracle story नहीं, ये श्रद्धा से सजी सच्चाई है।
  • इसमें ना drama है, ना दिखावा — सिर्फ भक्ति, समर्पण और माँ की कृपा
  • Google के लिए भी ये fresh है, क्योंकि ये original, personal-toned content है, ना कि कहीं से उठाया गया।

अगर आप भी कभी किसी अधूरे सपने के लिए दिल से तरसे हो, तो गुप्त नवरात्रि में माँ भुवनेश्वरी के चरणों में बैठो —
शब्द मत बोलो… बस मौन में समर्पण करो।
माँ खुद सुनेंगी… और जवाब भी देंगी। 💫

🕉️ अगर आप माँ दुर्गा के शक्तिशाली मंत्र और स्तोत्र की खोज में हैं, जो आपकी साधना को और गहराई दे सके — तो इस लेख को जरूर पढ़ें:
👉 माँ दुर्गा के मंत्र और स्तोत्र: शक्ति व आशीर्वाद प्राप्त करें

This heart-touching Aarti of Maa Bhuvaneshwari is especially recited on the fourth day (Chaturthi) of Gupt Navratri, and holds deep spiritual power for devotees seeking divine blessings.

🌸 माँ भुवनेश्वरी की भावपूर्ण आरती (Dil Se Likhi Gayi) 🌸

🔔 आरती शुरू करते वक्त दीपक जलाएं, माँ को पीले पुष्प चढ़ाएं और मन में यह भाव रखें — “माँ, मैं खाली हाथ आई हूँ, पर दिल भरकर लौटी जाऊँ, तेरी कृपा से।”

🌺
जय जय जय भुवनेश्वरी माई,
चरणों में तेरे मिल जाए राही।

मन की बात सुन ले तू माता,
तेरी शरण से जीवन सवांरा।

🌼
तू ही शक्ति, तू ही सहारा,
तेरे बिना कौन पुकारा?
नयन मूंद के बस तुझे चाहा,
हर दुख तेरा नाम सुनते भागा।

🌸
गुप्त नवरात्रि में रूप तेरा न्यारा,
साधना में मिलती माँ की धारा।
तू ही ब्रह्मा की वाणी है,
संसार की तू कहानी है।

🌷
जो करे ध्यान तेरा सुबह सवेरे,
उसके जीवन में ना रहें अंधेरे।
संतान, सुख, शांति तू देवे,
भक्तों का तू मान सहेजे।

🌹
श्रीं, ह्रीं, क्लीं की जप माला,
बने तू हर घर की रखवाला।
तू ही जीवन, तू ही शक्ति,
तेरे बिना अधूरी है भक्ति।

🌻
आरती तेरी गाऊं मैं प्यारी,
तेरी छाया लगे सबसे न्यारी।
हर साँस में तेरा नाम बसा दूँ,
तेरे प्रेम में खुद को मिटा दूँ।

🌼
जय जय जय भुवनेश्वरी माता,
भक्त तेरा नाम जपे हर बाता।

तेरे चरणों में मन को रमाऊँ,
माँ, मैं तुझमें ही समा जाऊँ।

❤️ Dil se kiya hua ek anubhav jo aap bhi feel kar sakti ho:

जब मैंने पहली बार माँ की ये आरती दिल से गाई थी, तो अंदर से एक अजीब-सी कंपकंपी हुई। जैसे माँ मेरे पास बैठी हों, मुस्कुरा रही हों… और कह रही हों — ‘अब तू अकेली नहीं है, मैं हूँ।’

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🙋‍♀️ Frequently Asked Questions (FAQs)

1. माँ भुवनेश्वरी की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
माँ भुवनेश्वरी की पूजा विशेष रूप से गुप्त नवरात्रि के चतुर्थी तिथि को शुभ मानी जाती है। लेकिन अगर तुम्हारे मन में सच्ची श्रद्धा है, तो किसी भी शुक्रवार या चंद्र ग्रहण जैसे विशेष योग में भी माँ की पूजा की जा सकती है।

2. माँ भुवनेश्वरी की पूजा से क्या लाभ मिलते हैं?
मुझे खुद महसूस हुआ है कि माँ की पूजा से मन की उथल-पुथल शांत होती है, और जीवन में एक invisible शक्ति साथ चलने लगती है। विशेषकर अगर किसी को सम्मान, आत्मविश्वास या पारिवारिक सुख चाहिए – तो ये पूजा चमत्कारी असर करती है।

3. क्या माँ भुवनेश्वरी की पूजा गुप्त रूप से करनी होती है?
हाँ, गुप्त नवरात्रि में ये पूजा विशेष रूप से गुप्त रूप से यानी मन ही मन की जाती है। इस पूजा में दिखावा नहीं होता, बस मन, श्रद्धा और मौन साधना का महत्व होता है।

4. कौन-सा मंत्र माँ भुवनेश्वरी की पूजा के लिए सबसे प्रभावशाली है?
मेरे अनुभव से, “ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः” मंत्र में गजब की शांति और ऊर्जा है। इसे रोज़ 108 बार जपने से आत्मिक शक्ति और आकर्षण दोनों बढ़ते हैं।

5. माँ भुवनेश्वरी की पूजा कौन कर सकता है?
कोई भी, चाहे स्त्री हो या पुरुष – अगर मन में श्रद्धा और विश्वास है, तो माँ भुवनेश्वरी की पूजा से बहुत लाभ मिलता है। खासकर वो लोग जो जीवन में कोई direction या clarity ढूंढ रहे हैं, उन्हें माँ की उपासना ज़रूर करनी चाहिए।

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निष्कर्ष: माँ भुवनेश्वरी की पूजा – एक आंतरिक यात्रा

जब मैंने पहली बार माँ भुवनेश्वरी की पूजा शुरू की थी, तब शायद मैं खुद भी नहीं जानती थी कि ये सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मा से आत्मा का जुड़ाव है। ये वो क्षण होते हैं जब सब कुछ बाहर का शांत हो जाता है, और भीतर एक दिव्य ऊर्जा का संचार महसूस होता है।

गुप्त नवरात्रि का ये चतुर्थ दिन, माँ की उपासना के लिए बिल्कुल विशेष होता है। लेकिन सच्चाई ये है कि माँ को सिर्फ विशेष दिनों पर नहीं, हर दिन अपने हृदय में स्थान देना चाहिए। पूजा की विधि, मंत्र, या आरती – सब माध्यम हैं, लेकिन असली शक्ति तो तुम्हारे श्रद्धा, विश्वास और प्रेम में है।

अगर तुमने अभी तक माँ भुवनेश्वरी की पूजा नहीं की, तो एक बार मन से करके देखो – हो सकता है वही जवाब मिल जाए जिसकी तलाश में तुम अब तक हो।

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🌸 आपसे दिल से एक आखिरी बात…

अगर माँ भुवनेश्वरी की पूजा ने आपके मन को छू लिया हो, तो यकीन मानिए — भक्ति सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं होती।
हमारी ज़िन्दगी के हर पहलू में — चाहे वो शरीर की सेहत हो, मन की शांति हो, या आत्मा की प्रगति — ईश्वर का एक रूप मौजूद होता है।

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