जब भी महाशिवरात्रि का व्रत आता है, मेरे भीतर एक अलग ही श्रद्धा और ऊर्जा जाग जाती है।
मुझे लगता है जैसे ये सिर्फ एक उपवास नहीं, बल्कि भगवान शिव से जुड़ने का एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव होता है।
इस व्रत को सही तरीके से शुरू और समाप्त करना न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आत्मिक शांति के लिए भी बेहद ज़रूरी होता है।

🙏 हर-हर महादेव! 🙏
देवों के देव महादेव को साक्षी मानकर, मैं आपसे folded hands 🙇♀️ ये विनती करती हूँ —
जो भी श्रद्धा से इस लेख को मन और दिल से पूरा पढ़े,
उनके जीवन में सुख, समृद्धि, और संपूर्णता सदैव बनी रहे।
भोलेनाथ की कृपा उनके हर कष्ट को दूर करे और उनके सभी कार्य सफल हों।
आपको कभी भी जीवन में कोई बड़ी परेशानी न आए — बस यही मेरी दिल से प्रार्थना है।
जय भोलेनाथ!
अब आइए, इसी शुभ भाव के साथ महाशिवरात्रि के इस पावन व्रत के बारे में विस्तार से जानते हैं…
🌌 महाशिवरात्रि का व्रत मेरे लिए सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, ये मेरे और भोलेनाथ के बीच एक आत्मिक जुड़ाव का दिन होता है।
जब भी ये पावन तिथि आती है, मुझे लगता है जैसे मेरी आत्मा खुद-ब-खुद शिव की ओर खिंचने लगती है।
मैंने महसूस किया है कि अगर इस व्रत को सही विधि से शुरू और समाप्त किया जाए, तो ये सिर्फ मन को नहीं, जीवन को भी शुद्ध कर देता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हूँ कि आपको महाशिवरात्रि का व्रत कैसे शुरू करें, कैसे पूरा करें, और इससे जुड़े हर जरूरी पक्ष एकदम सरल और श्रद्धा-भरे तरीके से समझा सकूं।
महाशिवरात्रि का व्रत शुरू करने से पहले मेरी तैयारी
जब भी महाशिवरात्रि का व्रत पास आता है, मेरा मन अपने आप एक अलग ही ऊर्जा से भर जाता है। मुझे लगता है, अगर शुरुआत सच्चे भाव और सही तरीके से हो, तो व्रत न सिर्फ पुण्यदायक होता है बल्कि भगवान शिव की विशेष कृपा भी मिलती है।
अब मैं आपके साथ शेयर कर रही हूँ वो सारी तैयारियाँ, जो मैं खुद करती हूँ — ताकि आप भी इस व्रत को पूरे श्रद्धा और विधि-विधान से कर सकें:
🔹 1. शुभ मुहूर्त का चयन करें (Check the Right Time)
महाशिवरात्रि का व्रत हमेशा शुभ मुहूर्त में ही शुरू करना चाहिए।
🌄 ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत की शुरुआत करना सबसे शुभ माना गया है।
मैं हमेशा महाशिवरात्रि से पहले ही पंचांग देखकर पूजा का सही समय नोट कर लेती हूँ — ताकि कोई चूक न हो।
🔹 2. शारीरिक और मानसिक स्वच्छता (Cleanliness & Purity)
व्रत वाले दिन मैं सुबह जल्दी उठ जाती हूँ। स्नान करके अपने शरीर को शुद्ध करती हूँ और साफ-सुथरे वस्त्र पहनती हूँ। मेरा मानना है कि बाहरी सफाई से पहले मन की सफाई ज़रूरी है, तभी शिव जी की पूजा सफल होती है।
🔹 3. पूजा सामग्री पहले से तैयार रखें (Get Your Samagri Ready)
मेरे अनुभव से, पूजा की सामग्री पहले ही night में तैयार कर लेना best रहता है:
- बेलपत्र, गंगाजल, दूध, दही, शहद, शक्कर
- फूल, फल, सफेद कपड़ा
- धूप, दीप, कपूर, रुई
- पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर)
ये सभी चीजें मेरी शिव पूजा का अभिन्न हिस्सा होती हैं।
🔹 4. सच्चे मन से संकल्प लें (Take a Soulful Sankalp)
अब मैं पूजा स्थल पर बैठकर हाथ जोड़ती हूँ और शिव जी से प्रार्थना करती हूँ कि व्रत पूरी श्रद्धा से पूरा कर सकूं। और दोनों हाथ जोड़कर विनती करती हूँ की – हे भोलेनाथ, मुझे इस व्रत को पूरी निष्ठा से करने की शक्ति और संयम दो।
मैं इसे तन मन धन से करती हूँ क्योंकि मेरे लिए ये सिर्फ एक व्रत नहीं होता, बल्कि मेरी आत्मा और शिव के बीच एक sacred promise होता है।
🕉️ महाशिवरात्रि व्रत की शुरुआत कैसे करें?
(Start Your MahaShivratri Fast with Devotion & Discipline)
जब भी महाशिवरात्रि का व्रत आता है, तो मेरा मन हर बार कुछ खास महसूस करता है — जैसे कोई अदृश्य ऊर्जा मुझे शिव जी के और करीब खींच रही हो। मैं मानती हूँ कि इस दिन की शुरुआत अगर सच्चे मन, साफ शरीर और शांत विचारों से हो, तो शिव की कृपा निश्चित रूप से बरसती है।
प्रातःकालीन पूजा की शुरुआत (Morning Ritual Begins)
- मैं स्नान कर लेती हूँ और शुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा स्थल पर शिवलिंग को गंगाजल और दूध से अभिषेक करती हूँ।
- फिर बेलपत्र, सफेद फूल, और चावल चढ़ाती हूँ — ये सब भोलेनाथ को बेहद प्रिय हैं।
- धूप, दीपक और कपूर से शिवजी की आरती करती हूँ और वातावरण को शांत व पवित्र बनाती हूँ।
मंत्र जाप और ध्यान (Chanting & Meditation)
ॐ नमः शिवाय” — यह पंचाक्षरी मंत्र मेरे हृदय के सबसे करीब है। मैं रोज़ की तरह इस दिन भी 108 बार इसका जाप करती हूँ।
- साथ ही मैं शिव चालीसा का पाठ करती हूँ और महामृत्युंजय मंत्र का भी श्रद्धापूर्वक उच्चारण करती हूँ: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
इन मंत्रों के साथ मेरा मन और आत्मा पूरी तरह शिवमय हो जाते हैं।
🌿 दिनभर उपवास का पालन (Observing the Fast)
मैं दिनभर व्रत रखती हूँ, और सिर्फ फलाहार लेती हूँ।
- कोई भी तामसिक भोजन नहीं करती
- न ही किसी प्रकार की नकारात्मकता को अपने पास आने देती हूँ।
मेरे अनुसार यह व्रत शरीर, मन और आत्मा की पवित्रता बनाए रखने का अद्भुत अवसर है।
🎶 सकारात्मकता और शिवमय दिन (Shiv Bhakti All Day)
- मैं दिनभर शिव कथा, शिव भजन, और YouTube पर शिव documentaries सुनती रहती हूँ।
- इससे मुझे पूरे दिन एक सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
मेरे लिए महाशिवरात्रि का व्रत एक आध्यात्मिक यात्रा है — जो आत्मा को शिव से जोड़ देती है।
महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि पूजा (The Sacred Night Ritual of Mahashivratri)
(महाशिवरात्रि की रात्रि पूजा | Shiv Ratri Night Puja Vidhi)
मेरे लिए महाशिवरात्रि की सबसे खास बात होती है — उसकी रात की पूजा।
मुझे लगता है, इस रात शिव स्वयं ब्रह्मांड में विचरण करते हैं और हर उस आत्मा को सुनते हैं जो उन्हें सच्चे मन से पुकारती है।
इसलिए मैं इस दिन की मध्यरात्रि पूजा को चार प्रहरों में बांटकर पूरे नियम और श्रद्धा से करती हूँ।
हर प्रहर की पूजा में एक खास भाव, एक खास शक्ति होती है।
🕐 प्रथम प्रहर पूजा (First Phase – शांत शुरुआत)
- जब रात शुरू होती है, मैं शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, और शुद्ध जल अर्पित करती हूँ।
- फिर हाथ जोड़कर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करती हूँ — धीरे-धीरे पूरे वातावरण में एक शांति सी छा जाती है।
- मेरे लिए ये शुरुआत, मेरी आत्मा को शांत करने वाली होती है।
🕑 द्वितीय प्रहर पूजा (Second Phase – मधुर भक्ति का भाव)
- इस समय मैं शिवलिंग पर चंदन, दही और शहद चढ़ाती हूँ।
- फिर शिव आरती करती हूँ — वो आरती की लौ और मंत्रों की ध्वनि, ऐसा लगता है जैसे शिवजी सच में मुस्कुरा रहे हों।
- इस प्रहर में मैं अपने मन की सारी बातें भोलेनाथ से कह देती हूँ।
🕒 तृतीय प्रहर पूजा (Third Phase – ज्ञान और जागरण)
- इस चरण में मैं बेलपत्र और सफेद पुष्प अर्पित करती हूँ।
- फिर शिवपुराण या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करती हूँ।
- मुझे लगता है, इस समय शिव की चेतना मेरे आस-पास और मेरे भीतर गहराई से प्रवाहित हो रही होती है।
🕓 चतुर्थ प्रहर पूजा (Final Phase – पूर्ण समर्पण)
- जब अंतिम प्रहर आता है, मैं शिवलिंग पर नारियल, फल और ताजे मिठाई चढ़ाती हूँ।
- फिर हाथ जोड़कर, आँखें बंद कर गहरी प्रार्थना करती हूँ – “हे महादेव, मेरी पूजा को स्वीकार करें, मेरी आत्मा को शुद्ध करें, और मुझे आपकी शरण में हमेशा के लिए स्थान दें।”
🌺 मेरे लिए ये रात्रिकालीन पूजा सिर्फ एक कर्मकांड नहीं होती, बल्कि शिव से आत्मिक मिलन का अनुभव होती है।
इस पूरी प्रक्रिया के बाद, मैं भीतर से एकदम शांत, संतुष्ट और ऊर्जावान महसूस करती हूँ — जैसे शिव ने सच में मेरे सिर पर अपना वरदहस्त रख दिया हो।
महाशिवरात्रि का व्रत कैसे करें समाप्त?
(How to End Mahashivratri Fast Properly – मेरी पूजा विधि)
जब मैं महाशिवरात्रि का व्रत रखती हूँ, तो उसका अंत भी मैं पूरे नियम और श्रद्धा से करती हूँ —
मेरे लिए ये सिर्फ व्रत तोड़ना नहीं होता, बल्कि शिव से मिलन के बाद का धन्यवाद होता है।
🌅 1. सुबह की पूजा से करें शुरुआत
महाशिवरात्रि के अगले दिन सुबह जल्दी उठकर, मैं फिर से नहाकर शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करती हूँ –
दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से।
इसके बाद “ॐ नमः शिवाय” के मंत्र के साथ आरती करती हूँ, ताकि भगवान शिव मेरी प्रार्थना सुनें और आशीर्वाद दें।
🍎 2. व्रत खोलने की विधि (How I Break My Fast)
मेरे लिए व्रत खोलना सिर्फ खाना नहीं होता –
सबसे पहले मैं फल और जल ग्रहण करती हूँ, ताकि शरीर धीरे-धीरे भोजन को स्वीकार करे।
इसके बाद सात्विक भोजन करती हूँ — बिना प्याज-लहसुन का, पूरी तरह पवित्र और साफ मन से बनाया गया खाना।
🎁 3. दान-पुण्य ज़रूरी है
मुझे लगता है, व्रत के बाद दान करना सबसे पुण्यदायक होता है।
मैं अक्सर गरीबों को भोजन, वस्त्र और पूजा सामग्री दान करती हूँ —
या फिर किसी शिव मंदिर में जाकर बेलपत्र, धूप, कपूर, और मिठाई अर्पित करती हूँ।
मेरा अनुभव:
जब मैं इस तरह व्रत समाप्त करती हूँ, तो मेरे अंदर एक शांति, सुकून और सकारात्मक ऊर्जा आ जाती है।
मुझे लगता है मानो भोलेनाथ खुद मेरी भक्ति से प्रसन्न हुए हों।
ये भी पढ़ें – सफला एकादशी: व्रत, महत्व और पूजा विधि
व्रत के दौरान मैं किन बातों का विशेष ध्यान रखती हूँ?
(Mahashivratri Vrat Me Kya Dhyan Rakhein – मेरी अनुभव आधारित सलाह)
जब मैं महाशिवरात्रि का व्रत करती हूँ, तो मेरे लिए ये सिर्फ एक धार्मिक प्रक्रिया नहीं होती —
बल्कि एक आत्मिक सफर होता है। और इस सफर को सच्ची श्रद्धा से पूरा करने के लिए मैं कुछ बातों का खास ख्याल रखती हूँ:
1. मन और विचारों की सात्विकता
इस दिन मैं अपने मन को पूरी तरह शांत और सात्विक रखने की कोशिश करती हूँ।
कभी-कभी जीवन की उलझनों में मन भटक जाता है, लेकिन मैं हर बार खुद को याद दिलाती हूँ –
आज मेरा दिन भोलेनाथ के नाम है, तो क्यों न हर सोच को पवित्र रखा जाए?
🚫 2. क्रोध, ईर्ष्या और नकारात्मकता से दूरी
मैं खुद से एक वादा करती हूँ कि आज के दिन किसी पर गुस्सा नहीं करूंगी,
कोई नकारात्मक बात नहीं सोचूंगी, और अगर कोई बुरा बोले भी —
तो मैं बस “ॐ नमः शिवाय” बोलकर मुस्कुरा दूंगी।
🧘♀️ 3. संयमित आचरण अपनाना
व्रत के दौरान मैं हर छोटी-बड़ी चीज़ में संयम बरतती हूँ —
बोलने में, खाने में, सोचने में… क्योंकि मुझे लगता है,
जब हम खुद को कंट्रोल करना सीखते हैं, तभी शिव हमारे जीवन को कंट्रोल करते हैं।
🕉️ 4. मंत्रों का जाप – मेरी आत्मा की ऊर्जा
पूरा दिन मैं “ॐ नमः शिवाय” का जाप करती हूँ —
कभी बैठकर, कभी चलते हुए, और कभी मन ही मन।
ये मंत्र मुझे शांति, स्थिरता और शक्ति तीनों देता है।
📿 Bonus Tip – खुद से जुड़ाव
इस व्रत के दौरान मैं ज़्यादा से ज़्यादा खुद से जुड़ने की कोशिश करती हूँ।
मैं ये सोचती हूँ कि मेरी आत्मा क्या चाहती है, मेरे अंदर का शिव क्या कह रहा है।
आप भी जब अगली बार महाशिवरात्रि का व्रत करें, तो सिर्फ शरीर से नहीं,
मन, आत्मा और विचारों से भी व्रत का पालन करें —
क्योंकि यही असली शिव भक्ति है।
यहा पढ़ें – महाशिवरात्रि व्रत कथा: शिव की कृपा पाने वाली पवित्र कथा
🕉️ महाशिवरात्रि व्रत के लाभ – मेरी अनुभव से
जब मैं महाशिवरात्रि का व्रत करती हूँ, तो वो सिर्फ एक परंपरा नहीं होती,
बल्कि मेरे लिए ये एक शुद्ध आत्मिक अनुभव होता है — जो मेरे जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाता है।
✨ 1. आध्यात्मिक लाभ – Inner Peace & Bliss
(महाशिवरात्रि व्रत, शिव भक्ति)
मुझे लगता है जब मैं पूरी श्रद्धा से शिव जी की पूजा करती हूँ,
तो मेरे मन को एक अद्भुत शांति मिलती है।
एक ऐसी शांति, जो ना किसी चीज़ में मिलती है, ना किसी व्यक्ति में।
भगवान शिव की कृपा से मेरा मन स्थिर होता है और आत्मा हल्की महसूस करती है।
💑 2. सांसारिक सुख – Relationships & Prosperity
(महाशिवरात्रि का व्रत से लाभ, भगवान शिव का आशीर्वाद)
मैंने महसूस किया है कि इस व्रत को करने से घर के रिश्तों में सामंजस्य बढ़ता है।
पति-पत्नी के बीच प्रेम और समझ बढ़ती है, और जीवन में समृद्धि और संतुलन आता है।
🔱 3. कष्टों का निवारण – Health & Financial Stability
(शिव व्रत के लाभ, कष्ट निवारण)
जब मैं शिव जी से मन लगाकर प्रार्थना करती हूँ,
तो मेरी बहुत सी चिंताएँ और समस्याएं अपने आप हल हो जाती हैं।
स्वास्थ्य में सुधार होता है, और आर्थिक परेशानी भी धीरे-धीरे कम हो जाती है।
🌺 Bonus Feeling – Shiv Ji Se Judne Ki Bhavana
जब मैं ये व्रत करती हूँ, तो मुझे लगता है जैसे मैं खुद शिव जी के और करीब आ गई हूँ।
हर मंत्र, हर दीपक, हर फूल — मेरी भक्ति को भगवान तक पहुँचा रहा होता है।
✅ FAQs – महाशिवरात्रि व्रत से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाता है?
महाशिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है, जो आमतौर पर फरवरी-मार्च में आती है।
2. क्या महाशिवरात्रि पर जल अर्पण करना ज़रूरी है?
हाँ, शिवलिंग पर गंगाजल, दूध और बेलपत्र अर्पण करना सबसे शुभ माना जाता है।
3. क्या फलाहार करने से व्रत टूट जाता है?
नहीं, फलाहार (फ्रूट्स व पानी) लेकर भी व्रत रखा जा सकता है — यह व्रत की शुद्धता को बनाए रखता है।
इसे भी पढ़ें – महाशिवरात्रि के दिन विशेष पूजा विधि और मंत्र: एक व्यापक मार्गदर्शिका
✅ निष्कर्ष – मेरे मन की बात (Nishkarsh in Human Style)
मेरे लिए महाशिवरात्रि व्रत कोई साधारण दिन नहीं होता —
यह वो शुभ अवसर होता है जब मैं अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास करती हूँ।
हर मंत्र, हर बेलपत्र, हर आरती मेरे अंदर शिव जी के प्रति श्रद्धा और भक्ति को और गहरा बना देती है।
मैंने खुद इस व्रत से मानसिक शांति, आर्थिक संतुलन, और आध्यात्मिक शक्ति पाई है।
इसलिए मेरा यही मानना है —
अगर सच्चे मन से व्रत रखा जाए, तो भगवान शिव खुद अपने भक्त की झोली भरते हैं।
✅ अंतिम संदेश – अपनी भक्ति ज़रूर साझा करें!
अगर आपने भी कभी महाशिवरात्रि का व्रत रखा है,
या फिर भगवान शिव की कृपा आपने महसूस की है —
तो कमेंट में ज़रूर लिखें, मैं आपके अनुभव पढ़ना चाहती हूँ।
आपका एक अनुभव किसी और की आस्था को मज़बूत बना सकता है।
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शायद किसी को ये प्रेरणा की एक किरण दे जाए।
🙏 हर हर महादेव! जय भोलेनाथ!
आपके जीवन में शिव जी की कृपा हमेशा बनी रहे।
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