हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष स्थान है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी धार्मिक दृष्टि से बेहद पवित्र मानी जाती है। पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने और जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सफला एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि लोमश ने राजा महिष्मत को इस व्रत की महिमा सुनाई थी। कथा के अनुसार, महिष्मत राज्य का राजा बहुत पापी और अधर्मी था। एक दिन वह जंगल में शिकार के दौरान भूख-प्यास से व्याकुल होकर एक ऋषि के आश्रम में पहुंचा। ऋषि ने उसे सफल एकादशी व्रत करने का सुझाव दिया। राजा ने इस व्रत को पूरे विधि-विधान से किया, जिससे उसके सभी पाप नष्ट हो गए और उसे स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
यह कथा यह संदेश देती है कि भगवान विष्णु के प्रति सच्ची भक्ति और व्रत-उपवास से जीवन के समस्त दोष मिटाए जा सकते हैं।
सफला एकादशी व्रत के नियम
- निर्जला व्रत: इस दिन निर्जला उपवास रखना उत्तम माना जाता है।
- भक्ति और पूजा: भगवान विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए।
- सात्विक आहार: यदि निर्जला व्रत संभव न हो, तो फलाहार और सात्विक भोजन किया जा सकता है।
- वर्जित कार्य: व्रत के दिन तामसिक भोजन, क्रोध, झूठ, और हिंसा से बचना चाहिए।
- दान-पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।
पूजा विधि
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से पवित्र करें।
- भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी पत्र, और पंचामृत अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम और एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
- दीपक जलाकर भगवान की आरती करें और प्रसाद बांटें।
सफला एकादशी व्रत के लाभ
- पापों का नाश: इस व्रत से जीवन के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं।
- आध्यात्मिक शांति: व्रत करने से मन को शांति और आत्मा को शुद्धि मिलती है।
- सुख-समृद्धि: भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख और समृद्धि आती है।
- मोक्ष की प्राप्ति: सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष का लाभ मिलता है।
- स्वास्थ्य लाभ: उपवास रखने से शरीर की पाचन शक्ति बेहतर होती है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
- सफला एकादशी व्रत क्यों किया जाता है?
यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा पाने और जीवन के पापों को नष्ट करने के लिए किया जाता है। - क्या सफला एकादशी व्रत में अन्न ग्रहण कर सकते हैं?
अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। फलाहार और सात्विक आहार लिया जा सकता है। - क्या बच्चों और बुजुर्गों को यह व्रत करना चाहिए?
बच्चे और बुजुर्ग स्वास्थ्य अनुसार फलाहार कर सकते हैं। - क्या यह व्रत विशेष रूप से किसी समस्या का समाधान करता है?
हां, यह व्रत मानसिक और आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है। - क्या इस व्रत में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए?
विष्णु सहस्रनाम और “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप फलदायी है।